22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हार के बावजूद स्वामी प्रसाद मौर्य का कद सपा में बढ़ेगा, मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी

समाजवादी पार्टी गैर यादव ओबीसी वोटर को अपने पाले में लाने के लिए कवायद तेज कर दी है। पिछड़ा वर्ग के वोटर को अपने पाले में लाने के लिए एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी के संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी में आगे करके पिछड़े वर्ग के वोटर को अपने पाले में ला सकती है।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Anand Shukla

Sep 13, 2022

swami.png

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य

लखनऊ : एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य को सपा में एक बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। ऐसी राजनीतिक बाजार मे अटकलें तेज हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा को हार का सामना करना पड़ा लेकिन पार्टी का परफार्मेंस अच्छा था। बताया जा रहा है कि सपा को पिछड़ें वर्ग का वोट नहीं मिला। जिसके कारण सपा को हार का सामना करना पड़ा।, क्यों कि पिछड़े वर्ग एक बड़ा वोट बैंक बीजेपी में शामिल हो गया ।

जिसे देखते समाजवादी पार्टी अब स्वामी प्रसाद मौर्य को सपा संगठन में एक बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। स्वामी प्रसाद मौर्य को आगे करके सपा पिछड़े वर्ग के वोट बैंक को अपने पाले में लाने की कोशिश करेंगी लेकिन अभी यह पता नहीं चला है कि स्वामी प्रसाद मौर्य को सपा में कौन सी जिम्मेदारी मिलेगी।

एमएलसी बनाए जाने पर संभावना हुई तेज
स्वामी प्रसाद मौर्य के विधानसभा चुनाव हार जाने के बावजूद जब सपा ने उन्हें एमएलसी बनाया तब से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती हैं। हांलाकि चर्चा अब और तेज हो गई है जब सपा नेता धर्मेद्र यादव ने बदायूं से बीजेपी सांसद संद्यमित्रा मौर्या के खिलाफ दायर याचिका उच्च न्यायालय से वापस ले लिया है।

यह भी पढ़ें: ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा क्या दो परिवारों की वजह से टूट जाएगी ?

धर्मेंद्र यादव ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए बताया कि उन्होंने बदायूं की सांसद संघमित्रा मौर्य के खिलाफ दायर याचिका वापस लेने के लिए अप्रैल में ही उच्च न्यायालय में शपथ पत्र पेश कर दिया था। जिसे शुक्रवार को अदालत ने स्वीकार कर लिया। बता दें संघमित्रा मौर्य सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं और धर्मेंद्र यादव अखिलेश यादव के चचरे भाई हैं।

क्यों दायर हुई याचिका सांसद संद्यमित्रा मौर्या के खिलाफ याचिका ?
2019 लोकसभा के चुनाव में बीजेपी ने स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी डॉ0 संद्यमित्रा मौर्या को अपना प्रत्याशी बनाया था। सपा और बसपा गठबंधन के उम्मीदवार मौजूदा सांसद अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव थे । दोनों के बीच मुकाबला काफी टक्कर का था। डॉ0 संद्यमित्रा मौर्या से चुनाव में धर्मेंद्र यादव लगभग 18 हजार वोटों के अंतर से हार गए। इसी चुनावी परिणाम के खिलाफ धर्मेन्द्र यादव उच्च न्यायालय गए और आरोप लगाया कि मतगणना में आठ हजार वोटों की गड़बड़ी की गई है लेकिन अब धर्मेद्र यादव अपनी याचिका को वापस ले लिए हैं।

विधानसभा चुनाव से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने बाजेपी छोड़कर सपा में शामिल हुए
2022 विधानसभा चुनाव के ऐन वक्त के पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपना पाला बदल लिया था। वह बीजेपी में मंत्री थे । बीजेपी से इस्तीफा देकर अपने समर्थकों के साथ सपा को ज्वाइन कर लिए था, हांलाकि मौर्य 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी में शामिल हुए थे। इसके पहले वह बीएसपी में थे।

यह भी पढ़ें : भाजपा पर प्रियंका गांधी का हमला,बोली इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में 400% फीस वृद्धि सरकार का एक और युवा विरोधी कदम

बताया जा रहा था कि बीजेपी से मौर्य अपना नाता इसलिए छोड़ा है क्यों कि वह अपने बेटे और कुछ अपने करीबियों के लिए टिकट मांग रहे थे। बीजेपी ने टिकट देने से मना कर दिया तो उन्होंने अपनी राह बीजेपी से अलगकर सपा में शामिल हो गए। हांलाकि उन्होंने सपा के टिकट से चुनाव लड़ा लेकिन हार का सामना करना पड़ा बाद में सपा ने उन्हें एमएलसी बनाया ।