
Farmer Protest को काउंटर करने की तैयारी में मोदी सरकार, जानिए क्या है प्लान?
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन ( Protest Against Agriculture Laws ) जारी है। सरकार के लाख समझाने के बाद भी किसान प्रदर्शन ( Farmer Protest ) का रास्ता छोड़ने को तैयार नहीं हैं। यही वजह है कि अब किसान आंदोलन ( Farmer Movement ) से निपटने के लिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार ( BJP Government ) ने जबरदस्त प्लान तैयार किया है। दरअसल, मोदी सरकार ने बड़ा राजनीतिक दाव चलते हुए गन्ना किसानों ( Sugercane Farmer ) के बकाए के भुगतान के लिए चीनी निर्यात पर 3500 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी है। मोदी सरकार इसको गन्ना किसानों के लिए एक बड़ी सौगात के रूप में पेश कर रही है।
कैबिनेट मीटिंग में लिए गए फैसले
जानकारी के अनुसार मोदी सरकार के मंत्री देशभर में खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के बीच किसान सम्मेलन कर इस सब्सिडी का प्रचार करेंगे। बुधवार को मोदी सरकार की कैबिनेट मीटिंग में लिए गए फैसले के अनुसार गन्ना किसानों को इस साल केंद्र सरकार 60 लाख टन चीनी के निर्यात पर 3500 करोड़ की सब्सिडी मिलेगी। सरकार के इस फैसले का फायदा यह होगा कि चीनी मिल मालिक यह सब्सिडी गन्ना किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर देंगे। माना जा रहा है कि इससे देश के लगभग पांच करोड़ गन्ना किसानों और पांच लाख मजदूरों को सीधा फायदा पहुंचेगा।
किसानों का आंदोलन मोदी सरकार के लिए बड़ी चुनौती
असल में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन इस समय मोदी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। यही वजह है कि सरकार इस आंदोलन को खत्म करवाने के लिए पुरजोर प्रयास कर रही है। इसको लेकर केंद्र और किसानों को बीच कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है, जिसमें सरकार ने कृषि कानूनों में संशोधन करने की बात कही है, लेकिन किसान इतने भर पर तैयार नहीं हैं। किसान इन कानूनों की पूरी तरह से वापसी की मांग पर अड़े हैं। यही वजह है कि भाजपा सरकार अब आंदोलन को काउंटर करने के लिए नया तरीका निकालकर लाई है।
Updated on:
17 Dec 2020 09:21 pm
Published on:
17 Dec 2020 09:10 pm
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