क्या थी मुफ्ती की मांग? जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री
महबूबा मुफ्ती ने हाल ही में केंद्र सरकार से कश्मीर घाटी में रमजान से लेकर
अमरनाथ यात्रा की समाप्ति यानी अगस्त के आखिर तक एकतरफा युद्ध विराम घोषित करने की अपील की थी। मुफ्ती की इस मांग के पीछे घाटी में मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाकर्मियों और आम नागरिकों की हत्या के साथ-साथ पत्थरबाजों पर अंकुश लगाना बताया जा रहा है।
सरकार को उम्मीद लोग सहयोग करेंगे गृह मंत्रालय ने इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी है। गृह मंत्रालय का कहना है कि अगर निर्दोष लोगों को आतंकियों ने निशाना बनाने की कोशिश की तो सुरक्षाबलों को कार्रवाई करने का अधिकार होगा। मंत्रालय ने उम्मीद जताई कि रमजान के पवित्र दिनों में सरकार और सुरक्षाबलों को लोग सहयोग देंगे। सरकार की तरफ से जम्मू-कश्मीर में शांति कायम करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है।
‘इस्लाम के नाम पर बेगुनाहों का खून बहाने वालों को अलग करें’ गृहमंत्री
राजनाथ सिंह ने भी इस संबंध में बयान देते हुए कहा, ‘जो लोग इस्लाम के नाम पर बेगुनाहों का खून बहाते हैं, उन्हें समाज से अलग किया जाए। बिना किसी वजह किसी का खून बहाना या भय का माहौल पैदा करना सामान्य जीवनशैली के खिलाफ है। इससे पहले राज्य के डीजीपी भी कह चुके हैं कि वे उन आतंकियों की सहायता और समर्थन करेंगे जो आत्मसमर्पण करेंगे।