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अविश्वास प्रस्ताव में दिखा नेताओं का शायराना अंदाज, सियासतदारों ने शेर-शायरी से किया एक दूसरे पर वार

सदन में शेरो-शायरी से गूंज उठा मानसून सत्र का तीसरा दिन, एक दूसरे पर तंज कसने के लिए सियासतदार बन बैठे शायर

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मानसून सत्र में दिखा नेताओं का शायराना अंदाज, सियासतदारों ने शेर-शायरी से किया एक दूसरे पर वार

नई दिल्ली। मानसून सत्र के तीसरे यानी शुक्रवार को लोकसभा में सियासतदार एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने के लिए शायर बन बैठे। बात शायरी की थी तो भला पीएम मोदी कैसे पीछे रह जाते। उन्होंने भी विरोधियों को शायराना अंदाज में ही अपने जवाब दिए। हंगामे के बीच पक्ष, विपक्ष दोनों के नेताओं ने शेरो-शायरी से भी एक दूसरे पर तंज कसे. लेकिन जनता ने इसे मनोरंजन की तरह लिया. जनता के नुमाइंदों ने अपनी बात रखने के लिए कवियों और शायरों का सहारा लिया. क्योंकि शायरी सीधे दिल पर असर करती है।

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पीएम मोदी के शायराना जवाब
सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, न मांझी न रहबर, न हक में हवाएं, है कश्ती भी जर्जर ये कैसा सफर है....उन्होंने इस शेर के जरिये कांग्रेस के साथ-साथ पूरे विपक्ष पर निशाना साधा।


राकेश सिंह का कांग्रेस पर तंज
भारतीय जनता पार्टी के सांसद राकेश सिंह ने भी कांग्रेस पर तंज कसने के लिए शायराना अंदाज अपनाया। उन्होंने कहा चमन को सींचने में कुछ पत्तियां झड़ गई होंगी, यही इल्जाम लग रहा है चमन से बेवफाई का...जिन्होंने चमन को रौंद डाला अपने पैरों से, वे दावा कर रहे चमन की रहनुमाई का...

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आप सांसद भगवंत मान का अच्छे दिन पर कटाक्ष...
'बात चली थी भारत को डिजिटल इंडिया बनाने से...बात चली थी एक सिर के बदले दस सिर लाने से...बात चली थी बुलेट ट्रेन चलाने से...बात चली थी 56 इंच का सीना दिखाने से...बात चली थी न खाने से न खिलाने से...कहां गई वो १०० दिन में काले धन की बात...४ साल से देश की जनता रेडियो पर सुन रही है सिर्फ मन की बात...चौकीदार देख रहा है और लोग बैंकों को चूना लगाकर भगोड़े हो रहे हैं...लाखों नौजवानों के सपने आंखों के सामने पकौड़े हो रहे हैं...अब तो साहब के ऑफिस से मैन्यू बनकर आता है कि...हमे क्या पहनना है और हम क्या खाने वाले हैं...मोदी जी 6-7 महीने में आप जाने वाले हैं...जाते-जाते ही बता दीजिए अच्छे दिन कब आने वाले हैं।


गृहमंत्री राजनाथ सिंह का अंदाज-ए-बयां
सदन में अपनी बात रखने के लिए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी शेरो शायरी का सहारा लिया। सिंह ने कहा मेरी हिम्मत को सराहो, मेरे हमराही बनों मैंने एक शम्मा जलाई है...सिंह ने गृह मंत्री ने शशि थरूर पर भी तंज कसा...उन्होंने कहा, कुछ सांसद हैं कभी हिंदू तालिबान की बात बोलते हैं, कभी हिंदू पाकिस्तान की बात बोलते हैं...


मल्लिकार्जुन खड़गे को मुन्नवर का सहारा
सदन में एक तरफ जहां सत्ता पक्ष शेरो शायरी से विपक्ष पर तंज कस रही थी वहीं दूसरी तरफ विपक्ष ने भी शायराना अंदाज में भी अपने तीर भी चलाए। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शायर मुनव्वर राणा का शेर- एक आंसू भी हुकुमत के लिए खतरा है, तुमने देखा नहीं आंखों का समंदर होना...के जरिये सरकार को 2019 के लिए आगाह किया।


टीएमसी सांसद दिनेश त्रिवेदी का तंज
टीएमसी सांसद दिनेश त्रिवेदी ने भी शायराना अंदाज में तंज कसा...उन्होंने कहा, जिंदगी से बड़ी कोई सजा नहीं और क्या जुल्म है ये पता ही नहीं, इतने हिस्सों में बंट गया हूं मैं, मेरे हिस्से में कुछ बचा ही नहीं, ए जिंदगी बता कहां जाएं, बाजार में जहर मिलता नहीं, लोग टूट जाते हैं एक छोटा सा घर बनाने में, तुम तरस नहीं करते हो बस्तियां जलाने में..