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कोरोना संकट में मुस्लिम समाज का योगदान भी बराबरी का- नकवी

locationनई दिल्लीPublished: May 24, 2020 12:53:45 pm

Submitted by:

Prashant Jha

पत्रिका कीनोट सलोन में केंद्रीय अल्पसंख्यक मामले के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि समाज के अन्य वर्गों के साथ मुस्लिम समाज का भी इस लड़ाई में बराबर योगदान है।

Mukhtar Abbas Naqvi

कोरोना संकट में मुस्लिम समाज का योगदान भी बराबरी का- नकवी

नई दिल्ली। पत्रिका कीनोट सलोन में केंद्रीय अल्पसंख्यक मामले के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि समाज के अन्य वर्गों के साथ मुस्लिम समाज का भी इस लड़ाई में बराबर योगदान है। देश के विभिन्न वक्फ बोर्डों व विभिन्न धार्मिक, सामाजिक, शैक्षणिक संस्थाओं के सहयोग से 51 करोड़ रुपए प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री कोरोना राहतफंड में दिए है। 16 हज हाउस और अजमेर का ख्वाजा मॉडल स्कूल में क्वारंटाइन एवं आईसोलेशन सुविधा दी गई है। इसके अलावा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने 1 करोड़ 40 लाख रुपए पीएम केयर्स में सहयोग किया। एएमयू मेडिकल कॉलेज में 100 बेड की व्यवस्था कोरोना मरीजों के उपचार के लिए की गई है।

-जमात के चंद लोगों की वजह से पूरे समुदाय को जिम्मेदार बताना गलत

उन्होंने कहा, मुझे दुख है कि तब्लिगी जमात ने आपराधिक लापरवाही की। यदि उनके कुछ लोग घूमते नहीं तो शायद हो सकता है कि बाद में लॉकडाउन बढ़ाना नहीं पड़ता। दुर्भाग्य से जमात के चंद लोगों के इस गुनाह को कुछ लोगों ने पूरे समुदाय का गुनाह बता दिया, यह दुख की बात है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने संयम के साथ लॉकडाउन की पालना की है। उन्होंने मुरादाबाद की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर गलत जानकारियां फैलाकर एंटी नेशनल एक्टिविटी की है।

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-सरकारी नौकरी में संख्या बढ़ी

नकवी ने कहा कि देश में अल्पसंख्यकों की तरक्की आजादी के बाद दूसरे लोगों के साथ अच्छे तरीके से आगे बढ़े हैं। यही वजह है कि देश में अल्पसंख्यकों की संख्या बढ़ी है। 2014 में नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर अल्पसंख्यकों की सरकारी नौकरी का 4 प्रतिशत था, जबकि अब 10 प्रतिशत हो गया है। अल्पसंख्यक वर्ग के लोग सिविल सर्विसेज में पिछले तीन साल में आजादी के बाद सबसे ज्यादा चयन किए गए।

-गरीबों की मदद जकात से

नकवी ने कहा कि जकात-फितरे में इस्लाम बहुत महत्व है। पैगम्बर मोहम्मद साहब ने कहा है कि हमें गरीबों की मदद करनी चाहिए। मदद भी ऐसी कि एक हाथ से दो तो दूसरे हाथ को पता भी नहीं चले। रमजान में इसकी अहमियत बढ़ जाती है। जकात लोगों की मदद का बड़ा जरिया है।

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-लोकल से ग्लोबल

नकवी ने कहा कि दस्तकारों-शिल्पकारों के लिए हुनर हाट” सितम्बर से लोकल से ग्लोबल थीम पर शुरू होगी। हुुनर हाट का डिजिटल और ऑनलाइन प्रदर्शन भी होगा। इस साल दो दर्जन हुनर हाट का आयोजन होगा।

-ऐसे हालात नहीं कि मंदिर-मस्जिदों का सोना नीलाम हो

नकवी ने कहा कि देश में अभी इतनी बुरी हालात नहीं है कि मंदिरों-मस्जिद, दरगाहों के सोने-चांदी नीलाम करने पड़े। जिनको समझ नहीं है, वह ऐसी बातें कर रहे हैं।

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