
नई दिल्ली। सोमवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मुलाकात के बाद से महाराष्ट्र की राजनीति दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। लेकिन शिवसेना की धड़कनें तेज होती जा रही है। NCP प्रमुख शरद पवार के बयान से शिवसेना झटका लग सकता है। हालांकि इस बात को लेकर तस्वीर साफ नहीं हुई है कि शरद पवार के दिल में क्या है?
शिवसेना को थी फैसले की उम्मीद
जब सोमवार को दिल्ली में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कदम रखा तो हर किसी को उम्मीद थी सरकार बनाने का रास्ता निकलेगा। खासकर शिवसेना को शरद और सोनिया की मुलाकात से बड़ी उम्मीद थी। लेकिन शिवसेना को अभी और इंतजार करना होगा। इतना ही नहीं शरद पवार ने शिवसेना से मुलाकात के बाद भी कोई वादा नहीं किया है। यहां तक कि आश्वस्त करने वाला भरोसा भी संजय राउत को उनसे नहीं मिला है।
मुझे नहीं पता उनके पास 170 नंब कहा से आया
सोनिया गांधी से मिलने के बाद उन्होंने कहा कि अभी सरकार बनाने पर बात नहीं हुई है। पवार बोले कि अभी कांग्रेस-एनसीपी ने आपस में बात की है आगे की रणनीति के लिए दोनों पार्टी के नेता आपस में बात करेंगे। शरद पवार से पूछा गया कि शिवसेना दावा कर रही है कि उनके पास 170 विधायकों का समर्थन है, तो शरद पवार ने जवाब दिया कि मुझे नहीं पता कि उनके पास ये नंबर कहां से आया है।
सभी पार्टियां राष्ट्रपति शासन खत्म होना चाहिए
दूसरी तरफ सोमवार सुबह से ही शिवसेना के नेता उम्मीद लगाए बैठे थे कि जल्द ही राज्य में सरकार बनेगी और मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा। लेकिन एनसीपी और कांग्रेस के साथ अभी बातचीत चल ही रही है। शरद पवार के सोनिया गांधी से मिलने के बाद शिवसेना के संजय राउत भी उनसे मिलने पहुंचे थे, राउत ने मुलाकात के बाद कहा कि सभी पार्टियां चाहती हैं कि राज्य से राष्ट्रपति शासन खत्म होना चाहिए।
Updated on:
19 Nov 2019 12:14 pm
Published on:
19 Nov 2019 08:46 am
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