
महागठबंधन से 4 दलों और एनडीए से एलजेपी के अलग होने से हार-जीत के समीकरण भी बदले।
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव ( Bihar assembly Election ) को लेकर सभी प्रमुख दलों ने अपना सियासी कार्ड चल दिया है। इसी के साथ सियासी दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी चरम पर है। एलजेपी के अलग चुनाव लड़ने की घोषणा से इस बार बिहार का चुनाव रोचक हो गया है। लेकिन 2005 के बाद पहली बार ऐसा हुआ जेडीयू से ज्यादा सीटों पर बीजेपी चुनाव लड़ने जा रही है।
कहने का मतलब है कि अब बिहार में नीतीश कुमार बीजेपी के बड़े भाई नहीं रहे। ऐसा इसलिए कि वो सीटों की संख्या के लिहाज से पिछड़ गए हैं। जबकि इस बार एलजेपी एनडीए से अलग चुनाव लड़ रही है।
बीजेपी ने पलट दिया पासा
इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में बहुत कुछ नया देखने को मिल रहा है। वह है सीटों की संख्या के लिहाज से जेडीयू का बीजेपी से पिछड़ना। 2005 में पहली बार बीजेपी और जेडीयू विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ी थी। तीसरी बार दोनों पार्टी एक साथ चुनाव मिलकर लड़ रही है। लेकिन इस बार बीजेपी ने सीटों की संख्या के मामले में नीतीश को कुमार की पार्टी जेडीयू को पीछे छोड़ दिया।
अभी तक लोकसभा में बीजेपी ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ती आई लेकिन विधानसभा में नीतीश की पार्टी जेडीयू ही बड़े भाई की भूमिका में होती थी, मगर इस बार पासा पलटा हुआ है।
सीटों की संख्या का गणित
इस बार चुनाव में बीजेपी को 121 सीटें मिली हैं, वहीं जेडीयू को 122 सीटें। मगर जेडीयू 122 सीटों में से 7 सीटें जीतन राम मांझी की पार्टी हम को दी भी जाएंगी। इस तरह से जेडीयू कुल 115 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। दूसरी तरफ बीजेपी 121 सीटों में से कुछ सीटें सन ऑफ मल्लाह यानी मुकेश सहनी की वीआईपी को दी जाएंगी। जानकारी के मुताबिक वीआईपी को 4 से अधिक सीटें मिलती नहीं दिख रही हैं। यानि बीजेपी 118 विधानसभा सीटों पर इस बार चुनाव लड़ेगी, जेडीयू की संख्या से तीन ज्यादा है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि नीतीश कुमार अब बीजेपी के बड़े भाई नहीं रहे।
2005 में बीजेपी-जेडीयू का गठबंधन आया था सामने
बता दें कि सबसे पहले 2005 बिहार विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ा। इस चुनाव में 243 सीटों में से जेडीयू 138 सीटों पर लड़ी थी, जबकि बीजेपी 105 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। उस साल किसी को निर्णायक बहुमत न मिलने और लोजपा के किंग मेकर बनने से राष्ट्रपति शासन लग गया, जिसकी वजह से अक्टूबर में फिर चुनाव हुए। अक्टूबर 2005 चुनाव में भी जेडीयू और बीजेपी एक साथ ही थी। जेडीयू ने 139 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे और बीजेपी को 104 सीटें मिली थीं।
अबकी बार बीजेपी-जेडीयू गठबंधन की जीत हुई और दोनों ने मिलकर पहली बार सरकार बनाई। 2010 के विधानसभा चुनाव में भी जेडीयू-बीजेपी साथ रही। इस चुनाव में बिहार की 243 सीटों में से जेडीयू 141 और बीजेपी 102 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरी थी। इस बार भी एनडीए की ही सरकार बनी।
Updated on:
07 Oct 2020 11:19 am
Published on:
07 Oct 2020 11:00 am
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