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NRC पर कन्फ्यूज मोदी सरकारः शाह क्रेडिट लूटने में लगे, गृहमंत्री ने किया किनारा

एक फैसले से लाखों लोगों की नागरिकता खतरे में आ गई लेकिन सरकार में अहम जिम्मेदारी निभाने वाले दो दिग्गज नेताओं ने इसपर विरोधी बयान देकर नए विवाद को जन्म दे दिया है।

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Chandra Prakash Chourasia

Jul 31, 2018

NRC

NRC पर कन्फ्यूज मोदी सरकारः शाह क्रेडिट लूटने में लगे, गृहमंत्री ने किया किनारा

नई दिल्ली। असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) पर देशभर में जमकर राजनीति हो रही है। विपक्ष इसे वोट की राजनीति कह रही है तो सरकार ने यह कहकर पलड़ा झाड़ लिया कि इस फैसले में सरकार का कोई हाथ नहीं है। लेकिन दूसरी ओर बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने NRC पर क्रेडिट लेने की होड़ में दिख रहे हैं। राज्यसभा में चर्चा के दौरान शाह ने कहा कि किसी भी सरकार में बांग्‍लादेशी घुसपैठियों की पहचान करने की हिम्‍मत नहीं हुई। हमारी सरकार ने घुसपैठियों की पहचान की है। हममें हिम्‍मत है और हम उन्‍हें असम से भगाकर रहेंगे। एक ही मुद्दे पर गृहमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष के अलग अलग और विरोधी बयान हैं यानी दोनों में कोई एक गलत कह रहा है।

जो कोई नहीं कर सका हमने कर दिखाया: अमित शाह

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने ने राज्‍यसभा में कांग्रेस, टीएमसी सहित सभी विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वो लोग घुसपैठियों को बचाना चाहते हैं। उनकी मंशा घुसपैठियों को बाहर भेजने की नही हैं। विपक्षी दलों का यह रवैया देशहित में नहीं है। असम में इन घुसपैठियों के खिलाफ 1980 से आंदोलन जारी है। 1986-87 में राजीव गांधी ने एक समझौता किया था। लेकिन कांग्रेस की सरकार ने उसके बाद से इस पर अमल नहीं किया। जिस काम को पिछली सरकारें इतने सालों में नहीं कर पाई तो हमने कर दिखाया।

घुसपौठियों को क्यों बचा रही कांग्रेस: शाह

राज्यसभा में बोलने के बाद बीजेपी अध्यक्ष ने पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्ष पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी घुसपौठियों को क्यों बचाना चाहती है कांग्रेस और टीएमसी, इस पर राहुल गांधी और ममता बनर्जी को अपना रूख साफ करना चाहिए। सरकार में रहते कुछ और बाहर रहते दूसरा रुख कैसे संभव हो सकता है। ममता बनर्जी बताए देश में गृहयुद्ध कैसे हो जाएगा। इससे पहले तो टीएमसी गृहयुद्ध कर चुका है।

राजनाथ बोले- एनआरसी में सरकार का नहीं है कोई रोल

सोमवार को एनआरसी के मसौदे पर मचे हंगामे पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा एनआरसी में जो भी कार्य चल रहा है, वह सर्वोच्च न्यायालय की देखरेख में हो रहा है। ऐसा कहना कि सरकार ने यह किया है और यह अमानवीय व क्रूर है..इस तरह के आरोप निराधार हैं। उन्होंने कहा कि किसी के खिलाफ किसी दंडात्मक कार्रवाई का कोई सवाल नहीं है। एनआरसी प्रक्रिया पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ की जा रही है।

किसी के साथ नहीं होगा अन्नाय: गृहमंत्री

डर का माहौल नहीं बनाने का आग्रह करते हुए राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि अगर कोई एनआरसी के पहले मसौदे से संतुष्ट नहीं है तो उस व्यक्ति को कानून के प्रावधानों के अनुसार दावों व आपत्तियों को दर्ज कराने का अवसर मिलेगा और बाद में वह विदेशी ट्रिब्यूनल में संपर्क कर सकता है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अनावश्यक डर का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। मैं सभी को भरोसा देना चाहता हूं कि किसी तरह की आशंका या डर की जरूरत नहीं है। कुछ गलत सूचनाएं भी फैलाई जा रही हैं।