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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 हटने के बाद अब अक्टूबर से यह राज्य केंद्र शासित प्रदेश के रूप में जाना जाएगा।
इसके साथ ही कश्मीर से अलग किए गए लद्दाख को भी केंद्र शासित प्रदेश की ही पहचान मिलेगी। ऐसे में जम्मू-कश्मीर में उप-राज्यपाल की तैनाती को लेकर चर्चाएं तेज हो गईं हैं।
उप-राज्यपाल की उम्मीदवारों की सूची में सबसे पहले नाम नृपेंद्र मिश्रा का है। नृपेंद्र उत्तर प्रदेश कैडर के 1977 बैच के नौकरशाह हैं।
दरअसल, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव के पद को छोड़ने के बाद से उनके अगले कार्यभार को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। उनको नए बनाए गए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर का उप-राज्यपाल बनाने की अटकलें तेज हो गई हैं।
प्रधानमंत्री के करीबी और पांच साल तक अहम पद संभालने वाले मिश्रा जम्मू एवं कश्मीर में इस महत्वपूर्ण पद के दावेदारों में से एक हैं।
केंद्र सरकार राज्य को सामान्य स्थिति में लाने को उत्सुक है और 5 अगस्त से लगाए गए प्रतिबंधों को कम करने की योजना है।
वहां विधानसभा चुनाव कराने के अलावा निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन भी एक महत्वपूर्ण कार्य है।
मिश्रा को दिल्ली का उपराज्यपाल बनाने की भी चर्चा चल रही है, क्योंकि अगले साल वहां चुनाव होने हैं।
प्रधान सचिव का पद छोड़ने के अपने फैसले के बाद मिश्रा ने एक बयान में कहा कि अब उनके लिए आगे बढ़ने और सार्वजनिक ध्येय और राष्ट्रीय हित के लिए समर्पित रहने का समय है।
Updated on:
31 Aug 2019 01:18 pm
Published on:
31 Aug 2019 08:49 am
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