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मानसून सत्र: राजनाथ सिंह बोले- पहले भी होती थी मॉब लिंचिंग, फेक न्यूज से बढ़ गई

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मॉब लिंचिंग की घटना को रोकना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी हैं। फेक न्यूज की वजह से ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। केंद्र इसे लेकर काफी गंभीर है।

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Chandra Prakash Chourasia

Jul 19, 2018

Rajnath Singh

bjp like rajnath SC and OBC formula for mission 2019

नई दिल्ली। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में मॉब लिंचिंग की घटना पर सरकार का पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि देश में मॉब लिंचिंग की घटनाएं पहले भी होती थी लेकिन फेक न्यूज की वजह से ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं। सिंह ने कहा कि इस तरह की घटना पर रोक लगाने के लिए केंद्र ने राज्य सरकारों को कई बार निर्देश दिए गए हैं। मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अफवाहों से हो रही मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं

राजनाथ सिंह ने सदन में कहा कि सच कि देश में कुछ भीड़ द्वारा हिंसा की घटनाएं हुई हैं, लेकिन केंद्र सरकार इसे लेकर गंभीर है। कानून व्यवस्था तो बनाए रखना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी हैं। इस संबंध में कई बार केंद्र ने निर्देश जारी किए हैं। सोशल सिंह ने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए तेजी से अफवाह फैल रही है,इसपर लगाम लगाना होगा। इसी उद्देशय से हमने सोशल मीडिया कंपनियों से भी बात किए हैं।

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सुप्रीम कोर्ट ने दिया था कानून बनाने का आदेश
17 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने भी मॉब लिंचिंग और गोरक्षा के नाम पर हो रही हत्याओं को लेकर सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट इस तरह की घटनाओं पर सख्ती दिखाते हुए संसद से नए कानून को बनाए जाने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि लोकतंत्र में भीड़तंत्र की कोई जगह नहीं है। कोर्ट ने अपने को लागू करने के लिए 4 हफ्ते का समय दिया। सुप्रीम कोर्ट अपने इस फैसले की समीक्षा 20 अगस्त को करेगा। इससे पहले 3 जुलाई को सर्वोच्च अदालत ने अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था।

राज्य और केंद्र को फटकार
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारों की भी जिम्मेदारी होती है कि वो संविधान को सुरक्षित रखने में सहयोग करे। कोर्ट ने कहा है कि नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की जाए, हाईवे पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में ऐसी घटनाओं की रोकथाम से लेकर कानूनी कार्रवाई और पीड़ितों को मुआवजा देने तक की बातें शामिल हैं।