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Patrika Exclusive: राजस्थान का सियासी संकट और मौन रहने की सियासत

locationनई दिल्लीPublished: Jul 17, 2020 10:58:46 pm

गांधी परिवार ( Gandhi Family ) और पायलट की चुप्पी कुछ कहती है।
सिंधिया ( Jyotiraditya Scindia ) के बाद सचिन ( Sachin Pilot ) को खोना नहीं चाहती कांग्रेस।
राजस्थान संकट ( rajasthan political crisis ) में लगता है अभी भी सुलह ( compromise ) के रास्ते छोड़ रखे गए हैं।

 

Patrika Exclusive: Rajasthan Political crisis and silence of Gandhi family and Sachin Pilot

Patrika Exclusive: Rajasthan Political crisis and silence of Gandhi family and Sachin Pilot

शादाब अहमद/नई दिल्ली। राजस्थान में सियासी संकट ( rajasthan political crisis ) बरकरार है और विधायक दो खेमों में बंटकर होटल-रिजॉर्ट में बंद हैं। ऐसे में कांग्रेस ( Congress ) बागी सचिन पायलट ( Sachin Pilot ) पर एक्शन तो ले रही है, लेकिन आलाकमान और गांधी परिवार ( Gandhi Family ) की चुप्पी कायम है। वहीं, पायलट भी खुलकर पार्टी के खिलाफ नहीं बोले हैं। हालांकि उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) पर कई आरोप लगाए हैं, लेकिन गांधी परिवार व कांग्रेस की सीधे आलोचना नहीं की है। इससे ऐसा लगता है कि दोनों ओर से सुलह ( compromise ) के रास्ते पर जाने के लिए एक पतली गली छोड़ी गई है।
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राजस्थान में पायलट अपने समर्थक विधायकों के साथ करीब एक सप्ताह से बगावत का झंडा बुलंद किए हुए हैं। कांग्रेस की ओर से दिल्ली से भेजे गए नेताओं ने पायलट को मनाने की कोशिश की। इस सियासी घटनाक्रम पर गांधी परिवार ने सीधे तौर पर अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन उनकी नजर पूरी तरह से इस पर बनी रही।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ( Sonia Gandhi ) ने दिल्ली से नेताओं को जयपुर भी भेजा। खुद सोनिया ने पायलट से चार बार बात की है। पायलट नहीं माने तो उन्हें कार्रवाई का डंडा भी दिखाया, लेकिन अभी भी दोनों ओर की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। पायलट जैसे युवा नेता को कांग्रेस खोना नहीं चाहती है, लेकिन उनकी ‘जिद’ भी पूरी नहीं कर सकती है। यही वजह है कि कांग्रेस आलाकमान की ओर से सीधे तौर पर कुछ नहीं कह कर सुलह के रास्ते खोल रखे हैं।
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प्रियंका रहीं सक्रिय

गांधी परिवार से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी खासी सक्रिय रहीं। उन्होंने कई बार पायलट से बात कर समझाने की कोशिश की। राहुल गांधी के खासे नजदीकी माने जाने वाले पायलट को गांधी परिवार पार्टी से दूर होते नहीं देखना चाहता है। इसके चलते विधायक दल की बैठक में आने के लिए पायलट को भरपूर मौके दिए। बैठक को तय समय से देरी से शुरू किया गया। ऑडियो कांड के चलते पार्टी ने विधायक विश्वेन्द्र सिंह और भंवरलाल शर्मा को पार्टी से निष्कासित किया, लेकिन पायलट पर चुप्पी साध ली।
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यह बाते दिखाती हैं पायलट की आलाकमान से नजदीकी

गहलोत पर हमला, गांधी परिवार पर चुप्पी
पदों से बर्खास्तगी के बाद पायलट खुलकर मीडिया के सामने नहीं आए, बल्कि साक्षात्कार के माध्यम से गहलोत पर तीखे हमले किए। पायलट ने भाजपा में नहीं जाने और भाजपा नेताओं के संपंर्क में नहीं होने की बात कहकर कांग्रेस में बने रहने का संदेश दिया।
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सरकार गिराने के आरोप, फिर भी गले लगाने को तैयार

पायलट के आरोपों के जवाब में गहलोत ने पायलट पर सीधा हमला बोला। उन्होंने पायलट पर सरकार गिराने के आरोप लगाते हुए पायलट पर कुछ निजी हमले भी किए। इस सबके बावजूद गहलोत ने यहां तक कहा कि पायलट यदि लौटते हैं तो वह उन्हें गले लगा लेंगे।

इस वजह से दिख रही भाजपा से नजदीकी

हरियाणा के रिजॉर्ट में ठहरना

पायलट समर्थक विधायक हरियाणा के गुरुग्राम के समीप एक होटल में ठहरे हैं। बताया जाता है कि इसी होटल में ज्योतिरादित्य सिंधिया ( Jyotiraditya Scindia ) समर्थक विधायकों को भी ठहराया गया था। साथ ही हरियाणा में भाजपा की सरकार है। खुद सुरजेवाला पायलट पर हरियाणा की खट्टर सरकार का संरक्षण प्राप्त करने का आरोप लगा चुके हैं।
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पायलट के समर्थन में भाजपा नेताओं के बयान

कांग्रेस में बगावत वैसे पार्टी का अंदरूनी मामला है, लेकिन भाजपा नेता बयानों से इसे हवा देने में लगे हुए हैं। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, राजेन्द्र सिंह राठौड़, सांसद हनुमान बेनीवाल ने पायलट से अन्याय होने के साथ उनके समर्थन में कई बयान दिए।
भाजपा से जुड़े वकीलों का खड़ा होना

पायलट की राजस्थान हाईकोर्ट में लगाई याचिका पर पैरवी करने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता जयपुर पहुंचे है। यह वकील भाजपा से जुड़े मामलों की अक्सर पैरवी करते रहे हैं। इसके चलते कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि इससे पायलट के भाजपा से संबंधों का पता लगता है।
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