दोनों नेताओं ने शुक्रवार को रात्रि भोज पर संकेत दे दिए थे कि आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस परिवेश में जिनपिंग ने मोदी के साथ मिलकर लोहा लेने को प्रतिबद्दत जताई है। इसके अलावा आर्थिक, सीमा विवाद, सांस्कृतिक मूल्यों का आदान प्रदान आदि शामिल होगा।
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द्विपक्षीय व्यापार व निवेश संबंधों पर जोर
इससे पहले विदेश सचिव विजय गोखले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच महाबलीपुरम में हुई बातचीत की जानकारी दी। विदेश सचिव ने एक प्रेस कॉंफ्रेंस में बताया कि शी और पीएम मोदी के बीच करीब 5 घंटे तक बातचीत हुई। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय व्यापार व निवेश संबंधों को विस्तार देने पर जोर रहा। इसके साथ दोनों ने आतंकवाद और कट्टरपंथ की चुनौतियों से मिलकर निपटने का संकल्प भी लिया।
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ढाई घंटों तक दोनों नेताओं की बातचीत
विजय गोखले ने ने जानकारी देते हुए बताया कि डिनर के दौरान दोनों नेताओं के बीच करीब ढाई घंटे तक बातचीत होती रही। इस दौरान पीएम मोदी और शी ने अपनी-अपनी राष्ट्रीय दूरदृष्टि एवं शासन से जुड़ी प्राथमिकताओं पर अपने विचार रखे। गोखले ने बताया कि शी जिनपिंग ने उनके स्वागत में किए गए शानदार इंतजामों की खुली तारीफ की।
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शी जिनपिंग दो दिन के दौरे पर भारत आए हुए हैं। आज उनका दूसरा और आखिरी दिन है। जिनपिंग भारत के बाद नेपाल के लिए उड़ान भरेंगे।