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पीएम मोदी ने कांग्रेस पर बोला हमला, कहा- ‘गांधीजी इस पार्टी को 1947 में ही भंग करना चाहते थे’

लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान चरम पर गांधी के विचारों से मेल नहीं खाती कांग्रेस की संस्‍कृति सरदार पटेल ने निभाई थी डांडी मार्च को सफल बनाने में अहम भुमिका

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पीएम मोदी ने कांग्रेस पर बोला हमला, कहा- 'गांधीजी इस पार्टी को 1947 में ही भंग करना चाहते थे'

नई दिल्‍ली। चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करने के साथ ही सियासी घमासान चरम पर पहुंच गया है। एक तरफ कांग्रेस सीडब्‍लूसी बैठक के जरिए पीएम के गृह राज्‍य में ही भाजपा को घेरना चाहती हैं वहीं पीएम मोदी ने इस बार ब्‍लॉग के जरिए कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्‍होंने अपने ब्‍लॉग पोस्‍ट में बताया है कि गांधीजी 1947 में ही कांग्रेस को भंग करना चाहते थे। वो कांग्रेस की संस्‍कृति को भलीभांति जानते थे। पीएम ने कहा है कि गांधी जी को पता था उनके विचार और कांग्रेस की संस्‍कृति अलग-अलग है।

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गांधी के सिद्धांतों के उलट है कांग्रेस की नीति
पीएम मोदी ने अपने ब्‍लॉग में लिखा है कि गांधी जी ने अपने 80 सत्याग्रहियों के साथ 1930 में आज ही के दिन डांडी मार्च की शुरुआत की थी। डांडी मार्च के 89वीं वर्षगांठ के अवसर पर मोदी ने कहा कि कांग्रेस गांधी जी के सिद्धांतों के एकदम विपरीत है। उन्‍होंने कहा है कि गुजरात में साबरमती आश्रम से समुद्र तटीय गांव डांडी तक पैदल मार्च ने ब्रिटिश हुकूमत को हिलाकर रख दिया था। गांधी जी को याद करते हुए उन्‍होंने कहा है कि डांडी मार्च अनैतिक नमक कानून के खिलाफ शुरू किया गया था जो अन्याय और असमानता के खिलाफ लड़ाई का सबसे बड़ी प्रतीक बन गया।

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कांग्रेस के शासन में हुए दलित विरोधी दंगे
पीएम ने कहा कि गांधी जी असमानता और जातिगत भेदभाव में विश्वास नहीं करते थे लेकिन दुख की बात ये है कि कांग्रेस ने इसके उलट समाज को बांटने में कभी संकोच नहीं किया। मोदी ने गांधी जी के विचारों और कांग्रेस की संस्कृति के विरोधाभासी पहलुओं का जिक्र करते हुए कहा कि सबसे भयानक जातिगत दंगे और दलित-विरोधी नरसंहार कांग्रेस के शासन में हुए। उन्होंने कहा कि मुझे गर्व हो रहा है कि हमारी सरकार के काम के सभी पहलुओं में गरीबी हटाने और समृद्धि लाने पर जोर दिया गया है।

पटेल ने निभाई अहम भूमिका
अपने ब्लॉग के पाठकों से पीएम ने पूछा है कि क्या आपको पता है कि डांडी यात्रा की योजना बनाने में मुख्य भूमिका किसकी थी? खुद इसका जवाब देते हुए बताया है कि वो सरदार पटेल ही थे जिन्होंने 390 किलोमीटर लंबी डांडी यात्रा के प्रत्येक मिनट की योजना बनाने में मुख्य भूमिका निभाई थी। ब्रिटिश सरकार सरदार पटेल से डरी हुई थी।