
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को संसद के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रीय जनप्रतिनिधि सम्मेलन का उद्घाटन किया। 'वी फॉर डेवलपमेंट' थीम पर आधारित इस सम्मेलन का उदेश्य सांसदों और विधायकों को विकास के मुद्दों पर अपना द्रष्टिकोण विकसित करने के लिए एक मंच मुहैया कराना है। सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश को विकास के मार्ग पर ले जाने के लि मिशन मोड में काम करना होगा। पीएम ने कहा कि देश में प्रतियोगिता बैकवर्ड को लेकर नहीं, बल्कि फॉरवर्ड के लिए होनी चाहिए। इस दौरान मोदी ने नौजवान अफसरों पर विकास की जिम्मेदारी बताते हुए उम्रदराज अधिकारियों की आलोचना की। बता दें कि सम्मेलन में डेवलपमेंट प्रोसेस एंड रिसोर्सेस में विधायिका के रोल पर पर चर्चा होगी।
सेंट्रल हॉल महापुरुषों की जगह
प्रधानमंत्री मोदी ने कि अधिक उम्र के जिलाधिकारी विकास की राह में बाधा हैं। जरूरी है कि बैकवर्ड जिलों में विकास के लिए उनकी कमियों पर गौर किया जाए। इस दौरान पीएम ने विकास के लिए अफसर और जनप्रतिनिधियों को एक साथ काम करने का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा कि यह सेंट्रल हॉल वह जगह है, जहां देश के विद्वान और महापुरुष विराजमान होते थे और उन्हें यहां बैठने का पहला मौका 2014 में मिला। बता दें कि सम्मेलन में भाग लेने के लिए लोकसभा सचिवालय की ओर से प्रत्येक प्रदेश की विधानसभा से 6 विधायकों और तीन एमएलसी को बुलाया गया है। बता दें कि इस दौरान हाल में तीन राज्यों मेघालय, तेलंगाना व तित्रपुरा में चुने गए प्रतिनिधियों को शामिल नहीं किया गया है। बता दें कि पिछले साल 2017 में आयोजित पहले राष्ट्रीय सम्मेलन का विषय 'वुमैन लेजिस्लेटर्स : बिल्डिंग रिसर्जेट इंडिया' रखा गया था, जबकि इस बार सम्मेलन की थीम 'वी फॉर डेवलपमेंट' रखी गई है। सम्मेलन में देश के 101 ऐसे जिलों के सांसदों और विधायकों को बुलाया गया, जो बकवर्ड क्लास में आते हैं।
Published on:
10 Mar 2018 11:18 am
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