देश की बागडोर से पहले कांग्रेस से छीनी थी GCA की कमान
बात उस वक्त की है, जब पीएम मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। साल 2009 में मोदी को गुजरात क्रिकेट संघ का चेयरमैन बनाया गया था। उन्हें उस वक्त आयोजित किए गए सालाना आम बैठक के बाद जीसीए (GCA) का नया अध्यक्ष चुना गया था। इसके साथ ही गुजरात के तत्कालीन गृहमंत्री अमित शाह को उपाध्यक्ष बनाया गया था। मोदी ने साल 2014 में देश की सत्ता पर काबिज होने से पहले ही कांग्रेस से गुजरात क्रिकेट संघ की सत्ता छीनी थी। इसके पहले 16 सालों से कांग्रेस के नेता नरहरि अमीन GCA अध्यक्ष का पदभार संभाल रहे थे। यही नहीं, मोदी की गुजरात सरकार में गृहमंत्री अमित शाह की अमीन से सियासी और कानूनी लड़ाई थी। बता दें कि अध्यक्ष की कुर्सी छीनने से पहले भाजपा ने अहमदाबाद केंद्रीय क्रिकेट बोर्ड पर भी कब्जा कर लिया था। इसके बाद अमीन ने इस्तीफा दे दिया था।
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GCA में मोदी ने किए काफी सुधार
बताया जाता है कि जब नरेंद्र मोदी ने GCA का शासन अपने हाथों में लिया तो उन्होंने उसकी स्थिति सुधारने की दिशा में काफी कोशिशें की। मोदी ने देखा कि वहां प्रतिभा और लगन में कोई कमी नहीं है, बल्कि Professionalism की कमी है, जिसके कारण राज्य इस क्षेत्र में पिछड़ रहा था। GCA अध्यक्ष के रूप में उन्होंने गुजरात के लिए पेशेवर और अतिथि खिलाड़ियों को बढ़ावा दिया। इसके साथ ही मोदी ने पेशेवर और योग्य सहायक कर्मचारियों की नियुक्ति पर भी जोर दिया। इसके बाद गुजरात क्रिकेट संघ में माहौल धीरे-धीरे बदलता गया।
पीएम मोदी का ‘IPL कार्ड’
आपको बता दें कि इस बार IPL शुरू होने से पहले ऐसी अटकलें लगाईं जा रही थीं कि चुनाव के कारण आईपीएल का वर्तमान सीजन देश से बाहर आयोजित कराया जा सकता है। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ और IPL Season 12 देश में ही कराया जा रहा है। विपक्षियों पर हमलावर रहने वाले पीएम मोदी ने इस बात का श्रेय केंद्र सरकार को देते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने देश के सबसे लोकप्रिय टूर्नामेंट को दो बार देश के बाहर कराया, क्योंकि वे खिलाड़ियों को सुरक्षा देने में असमर्थ थे। जबकि मोदी सरकार ने IPL और लोकसभा चुनाव का आयोजन एक साथ कराना मुमकिन किया। पीएम ने शुक्रवार को राजस्थान के करौली में कहा था कि ‘युवाओं की IPL में बहुत ज्यादा दिलचस्पी है। लेकिन, दो बार आइपीएल देश से बाहर खेला गया। पहली बार 2009 में साउथ अफ्रीका और दूसरी बार 2014 में दुबई में खेला गया, क्योंकि केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार आतंकवादियों से डरी हुई थी। 2009 और 2014 में इलेक्शन था और पुलिस की व्यस्तता का हवाला देकर IPL बाहर कराया गया। अब भी चुनाव है और आइपीएल खेला जा रहा है।’
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बता दें कि IPL 2019 का आगाज 23 मार्च से हुआ था। वहीं, 10 मार्च से देशभर में लोकसभा चुनाव का ऐलान कर आचार संहिता लागू की गई। 11 अप्रैल को पहले चरण का मतदान शुरू हुआ, अब सातवें और आखिरी चरण के लिए 19 मई को मतदान संपन्न होगा। वहीं, IPL का फाइनल मैच 12 मई को होगा।
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