
मध्य प्र्र्रदेश के सीएम कमलनाथ।
नई दिल्ली। एक ओर सिंधिया राजघराने के ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस से इस्तीफा देकर बुधवार को भारतीय जनता पार्टी में आधिकारिक रूप से शामिल हो जाएंगे तो दूसरी ओर उनके समर्थक विधायकों के दम पर बीजेपी प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने की दिशा में आगे कदम बढ़ाएगी। ऐसा इसलिए कि कांग्रेस के 22 विधायकों द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा देने के बाद कमलनाथ सरकार के सामने बहुमत का संकट उठ खड़ा हुआ है।
हालांकि मध्य प्रदेश में नए सिरे से जारी उठापटक चैंकाने वाली नहीं है। इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी की कमलनाथ सरकार तख्ता पलट करने की फिराक में काफी पहले से है। लेकिन बीजेपी अब कांग्रेस को तोड़ने में कामयाब हो गई।
चैंकाने वाली बात यह है कि मध्य प्रदेश में सियासी संकट के बावजूद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बहुमत का दावा किया है। सीएम कमलनाथ ने कहा कि चिंता की बात नहीं है, हमारे पास बहुमत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विधायकों को कैद किया गया है। ये बीजेपी की राजनीति है। हम इस संकट से पार पा लेंगे।
मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर गहराए संकट के बीच कांग्रेस विधायकों की मुख्यमंत्री आवास पर मंगलवार शाम बैठक हुई जिसमें कांग्रेस के सिर्फ 88 विधायक पहुंचे। जबकि 26 विधायक गैरहाजिर रहे जिसमें 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया यानी कांग्रेस के चार और विधायक मीटिंग से गायब रहे।
बता दें कि कांग्रेस के कुल 114 विधायक हैं। इनमें से 22 ने खुले तौर पर अपने इस्तीफे दे दिए हैं। जबकि विधायक दल की बैठक में चार और विधायक शामिल नहीं हुए। इसके बावजूद बैठक के बाद कमलनाथ ने बहुमत का दावा किया है। वहीं कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने भी बैठक में कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है।
Updated on:
11 Mar 2020 03:36 pm
Published on:
11 Mar 2020 09:19 am
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