उसे कोई सरकारी मदद नहीं मिली। जांच दल में शामिल प्रवक्ता संदीप शर्मा ने कहा लखीमपुर खीरी में जिस तरह प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जाकर किसान परिवारों को 50 लाख का मुआवजा दिया था, उसी तरह कन्हैया के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा दिया जाए। पूरी घटना (Mahasamund Farmer Suicide) की न्यायिक जांच की जाए और मृत किसान के परिवार के योग्य युवक को सरकारी नौकरी दी जाए।
Politics On Farmers Death: उन्होंने दावा किया कि, कन्हैया 4 सालों से कर्ज के जंजाल में फंस चुका था, सूखे की वजह से उसकी फसल खराब हुई तो उसे फसल बीमा का लाभ नहीं मिला। गौरतलब है कि जांच दल में संयोजक विधायक ननकीराम कंवर, सदस्य सांसद चुन्नीलाल साहू, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा, किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पवन साहू और महासमुंद की जिला अध्यक्ष (CG Politics) रूप कुमारी चौधरी शामिल थीं। इन सभी ने गांव जाकर हालात का जायजा लिया था।