
डोप टेस्ट पर हुआ बवाल तो कैप्टन बोले, 'सेना में भी होते हैं ऐसे परीक्षण'
चंडीगढ़। नशे के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हाल ही में ऐलान किया था कि अब सरकारी कर्मचारियों के लिए डोपिंग टेस्ट पास करना अनिवार्य होगा। इस मसले पर गर्म होती सियासत के बीच उन्होंने इसका जोरदार तरीके से बचाव किया है। उन्होंने कहा कि एहतियात के तौर पर ऐसे टेस्ट सेना में भी होते रहते हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि सरकार के दबाव के चलते तस्करों का नेटवर्क ध्वस्त हो रहा है।
...ये है कैप्टन का अहम बयान
कैप्टन ने कहा कि राज्य की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर ऐसे सख्त कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों की कमी और कीमतें ज्यादा होने के चलते नशे के आदी लोग बनावटी नशे का इस्तेमाल कर रहे हैं। साथ ही यह भी दावा किया कि सरकार की तरफ से दबाव बढ़ने के चलते नशा तस्करों और माफियाओं की सप्लाई लाईन टूटी है। मुख्यमंत्री का यह बयान सोमवार को होशियारपुर के जहान खेलां गांव में पुलिस भर्ती प्रशिक्षण केंद्र के पासिंग आउट परेड के बाद सामने आया।
नशे से होती मौतों से लोग भी चिंतित
पत्रकारों की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'नशे की तस्करी के पहले जुर्म में ही फांसी की सजा के प्रस्ताव का उद्देश्य भी इस बीमारी को खत्म करना है। पुलिस को नशा तस्करों के बारे में सूचना मिलने के बढ़ रहे मामलों और इलाज के लिए पुनर्वास केंद्रों में बड़ी संख्या में नौजवानों के जाने से यह सिद्ध हो गया है कि नशे से हो रही मौतों से लोग भी चिंतिंत हैं।' उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा नशों के खिलाफ शुरू की गई मुहिम में लोग सक्रियता से शामिल हो रहे हैं।
Published on:
09 Jul 2018 06:41 pm
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