आपको बता दें कि 23 मई लोकसभा चुनाव के परिणाम आए और इसके बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश से सभी चौंका दिया। हालांकि कमेटी ने राहुल गांधी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया और उन्हें मनाने का दौर शुरू हो गया जो अब तक जारी है।
हौज काजी मंदिर मामलाः गृह मंत्री अमित शाह ने कमिश्नर को लगाई फटकार पार्टी को बनाने के लिए कड़े फैसले जरूरी राहुल गांधी ने चार पेज की एक चिट्ठी भी लिखी। इसमें उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के काम करना उनके लिए गर्व की बात है। यही नहीं राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव में हार के लिए मैं जिम्मेदार हूं। पार्टी को बनाने के लिए कड़े फैसले लेना जरूरी है। राहुल गांधी चार पन्नों का ये खत ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा है कि कांग्रेस के भविष्य के लिए जवाबदेही जरूरी।
जल्द बनाया जाए पार्टी का नया अध्यक्ष कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफा देने पर अड़े हैं। अब वे जल्द से जल्द पार्टी का नया अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे हैं। बुधवार को राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होना चाहिए, वह अब इस पद पर नहीं हैं। राहुल इतने भर से नहीं मानें उन्होंने कहा कि पार्टी का नया अध्यक्ष एक महीने पहले ही चुना जाना चाहिए था।
राहुलः अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया का हिस्सा भी नहीं बनूंगा
बुधवार को राहुल गांधी ने साफ कहा कि पार्टी को अपना नया अध्यक्ष चुनने में काफी देरी हो रही है। इस काम को एक महीने पहले ही कर लिया जाना चाहिए था। यही नहीं राहुल गांधी ने कहा कि नया अध्यक्ष चुने जाने की प्रक्रिया में वे हिस्सा नहीं लेंगे। राहुल गांधी ने कहा कि इस संबंध में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक कब बुलाई जाए इसका फैसला भी समिति के अन्य सदस्य लें। वे इस मामले में हिस्सा नहीं लेंगे।
बुधवार को राहुल गांधी ने साफ कहा कि पार्टी को अपना नया अध्यक्ष चुनने में काफी देरी हो रही है। इस काम को एक महीने पहले ही कर लिया जाना चाहिए था। यही नहीं राहुल गांधी ने कहा कि नया अध्यक्ष चुने जाने की प्रक्रिया में वे हिस्सा नहीं लेंगे। राहुल गांधी ने कहा कि इस संबंध में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक कब बुलाई जाए इसका फैसला भी समिति के अन्य सदस्य लें। वे इस मामले में हिस्सा नहीं लेंगे।
ऐसे चला इस्तीफों का दौर
आपको बता दें कि कुछ समय पहले ही राहुल गांधी ने नाराजगी भरे लहजे में कहा था कि लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार को लेकर किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली। ना किसी मुख्यमंत्री ने और ना ही किसी अन्य नेता ने। इसके अलावा किसी भी इस्तीफे की पेशकश नहीं की।
आपको बता दें कि कुछ समय पहले ही राहुल गांधी ने नाराजगी भरे लहजे में कहा था कि लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार को लेकर किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली। ना किसी मुख्यमंत्री ने और ना ही किसी अन्य नेता ने। इसके अलावा किसी भी इस्तीफे की पेशकश नहीं की।
राहुल गांधी की इस नाराजगी के बाद कांग्रेस में जैसे इस्तीफों का दौर ही शुरू हो गई। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ समेत पार्टी में सैकड़ों नेताओं ने इस्तीफा देने की पेशकश की। यही नहीं कई नेताओं ने तो अपना पद त्याग दिया। हालांकि इसमें कोई राष्ट्रीय स्तर का नेता शामिल नहीं था।
किसानों को मोदी सरकार का तोहफा, खरीफ फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाया इस्तीफा वापस लेने के लिए मनुहार
राहुल गांधी के इस्तीफा वापस लेने को लेकर लगातार उन्हें मनाने की कोशिश भी की जा रही है। कई बार उनके घर के बाहर कार्यकर्ता प्रदर्शन कर चुके हैं। यही नहीं Congress Headquarters के बाहर एक युवक पेड़ पर चढ़ गया और खुदकुशी की कोशिश की।
राहुल गांधी के इस्तीफा वापस लेने को लेकर लगातार उन्हें मनाने की कोशिश भी की जा रही है। कई बार उनके घर के बाहर कार्यकर्ता प्रदर्शन कर चुके हैं। यही नहीं Congress Headquarters के बाहर एक युवक पेड़ पर चढ़ गया और खुदकुशी की कोशिश की।
इस युवक का कहना था कि राहुल गांधी ने इस्तीफा वापस नहीं लिया तो वो अपनी जान दे देगा। हालांकि पुलिस के हस्तक्षेप के बाद उसे उतार लिया गया। लेकिन राहुल गांधी को मनाने का दौर बदस्तूर जारी रहा।