रफाल की कीमत राष्ट्रीय रहस्य: राहुल
कांग्रेस अध्यक्ष ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि रफाल विमान की कीमत एक ‘राष्ट्रीय रहस्य’ है, क्योंकि सरकार सुप्रीम कोर्ट में इसका खुलासा नहीं करना चाहती है। राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा कि प्रधानमंत्री को पता है। अनिल अंबानी को पता है। ओलांद और मैक्रों को पता है। अब हर पत्रकार को पता चल गया है। रक्षा मंत्रालय के बाबुओं को भी पता है। दस्सू में सबको मालूम है। दस्सू के सभी प्रतिस्पर्धियों को मालूम है। लेकिन रफाल की कीमत एक राष्ट्रीय रहस्य है, जिसका खुलासा सुप्रीम कोर्ट में नहीं किया जा सकता है।
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एनडीए सरकार पर महंगी कीमत पर खरीदारी का आरोप
राहुल गांधी का यह बयान मीडिया की उस रपट के बाद आया है, जिसमें दावा किया गया है कि 2016 में सरकार द्वारा फ्रांस की कंपनी दस्सू से 36 रफाल विमान खरीदने को जो सौदा किया गया, उसमें प्रत्येक विमान की कीमत पूर्व में 2012 में दस्सू द्वारा 126 मध्यम बहु-भूमिका लड़ाकू विमान (एमएमआरसीए) के सौदे के दौरान पेशकश की गई प्रत्येक विमान की कीमत से 40 फीसदी अधिक है। दस्सू के साथ 2012 के बाद के सौदे में सीधे तौर बातचीत में शामिल रक्षा मंत्रालय के दो वरिष्ठ अधिकारी स्तर के स्रोतों का हावला देते हुए एक बिजनेस अखबार में प्रकाशित रपट में दावा किया गया है कि दस्सू को 126 राफेल लड़ाकू विमानों के लिए 19.5 अरब यूरो की निविदा मिली थी। इस तरह एक विमान की कीमत 15.5 करोड़ यूरो होती है। रपट के अनुसार, 36 राफेल विमान का सौदा 7.85 अरब यूरो में हुआ है। इस प्रकार, एक विमान की कीमत 21.7 करोड़ यूरो होती है, जोकि 2012 की कीमत से 40 फीसदी अधिक है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगी और जानकारी
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को रफाल जेट सौदे के बारे में सरकार को कुछ और जानकारी देने को कहा है, जिसमें विमान की कीमत और उससे होने वाले लाभ का विवरण मांगा गया है। कोर्ट ने सरकार को कीमत की जानकारी साझा करने में होने वाली कठिनाई को लेकर एक हलफनामा दाखिल करने को कहा है। इससे पहले अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया था कि कीमत का खुलासा करना संभव नहीं होगा। हालांकि अदालत ने स्पष्ट किया है कि सरकार जिस विवरण को इस समय रणनीतिक गोपनीयता मानती है, उसे याचिकाकर्ताओं के वकील से साझा किए बगैर एक बंद लिफाफे में कोर्ट को सौंपा जाए।