
विहिप के संयुक्त महामंत्री सुरेन्द्र जैन ने कहाकि राहुल के दादा
फिरोज गांधी पारसी थे और परनाना जवाहर लाल नेहरू कश्मीरी पंडित थे। इसलिए राहुल को
यह साफ करना चाहिए कि वे अपने नाना की विरासत के साथ हैं या फिर दादा की। उन्होंने
कहाकि राहुल गांधी के बांके बिहार मंदिर में जाने में कोई बुराई नहीं है। लेकिन अगर
वे राजनीतिक लाभ के लिए ऎसा कर रहे हैं तो अपने पिता का हश्र याद करना
चाहिए।

जैन ने कहाकि राजीव गांधी ने भी अयोध्या से राम राज्य का वादा कर
चुनावी अभियान शुरू कर हिंदू समाज को अपनी निजी महत्वकांक्षा के लिए इस्तेमाल करने
का प्रयास किया था। वे इसमें बुरी तरह से विफल रहे थे और 1988 में लोकसभा चुनावों
में कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी थी।