
Rahul Gandhi Targets Mayawati and Alliance with BSP
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती को उत्तर प्रदेश में गठबंधन करने और मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने बात तक नहीं की। दरअसल राहुल गांधी दिल्ली में आयोजित एक किताब के विमोचन कार्यक्रम के दौरान बोल रहे थे। राहुल गांधी ने दावा किया कि, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI), प्रवर्तन निदेशालय (ED) और ‘पेगासस’ के जरिये बनाये जा रहे दबाव के चलते मायावती दलितों की आवाज के लिए नहीं लड़ रहीं और भाजपा को खुला रास्ता दे दिया है।
राहुल गांधी ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी और कांग्रेस नेता के. राजू की पुस्तक ‘द दलित ट्रूथ: द बैटल्स फॉर रियलाइजिंग आंबेडकर्स विजन’ के विमोचन पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और केंद्र सरकार पर सवाल भी उठाए।
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राहुल गांधी ने कहा, 'हमें संविधान को बचाना पड़ेगा। संविधान को बचाने के लिए हमें संस्थानों की रक्षा करनी पड़ेगी। लेकिन सभी संस्थान आरएसएस के नियंत्रण में हैं।' इस दौरान राहुल ने कहा कि उन्हें सत्ता में विपक्ष नहीं है। उन्होंने कहा, 'यहां नेता हैं, चो सत्ता के पीछे लगे हुए हैं।
वे हमेशा सत्ता हासिल करने के बारे में सोचते रहते हैं...अब उसमें मेरी एक परेशानी आ गई, मैं सत्ता के एकदम बीच में पैदा हुआ, लेकिन सच कहता हूं मुझे इसमें दिलचस्पी नहीं है। इसके बजाए मैं देश को समझने की कोशिश करता हूं।'
राहुल ने दावा किया कि सीबीआई, ईडी, और पेगासस के जरिये राजनीतिक व्यवस्था को नियंत्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमने (उत्तर प्रदेश चुनाव में) मायावती जी को संदेश दिया कि गठबंधन करिये, मुख्यमंत्री बनिए, लेकिन (उन्होंने) बात तक नहीं की।’
एक रुपया भी लिया होता भाषण नहीं दे पाता
राहुल गांधी ने जोर देकर कहा, ‘अगर मैंने एक रुपए भी लिया होता तो यहां भाषण नहीं दे पाता।’ राहुल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा पर देश की संस्थाओं को नियंत्रित करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘ संविधान हिंदुस्तान का हथियार है, लेकिन संस्थाओं के बिना संविधान का कोई मतलब नहीं है।’ राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि, आज सभी संस्थाएं आरएसएस के हाथ में हैं।
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Published on:
09 Apr 2022 03:54 pm
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