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मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते तो फिर राजनीति क्यों आ रहे रजनीकांत ? जानें वजह

locationनई दिल्लीPublished: Mar 12, 2020 04:41:34 pm

Submitted by:

Mohit sharma

अभिनेता से नेता बने रजनीकांत ने कहा वह सत्ता की खातिर राजनीति में नहीं
रजनीकांत ने खुद को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर बताया

रजनीकांत

रजनीकांत

नई दिल्ली। अभिनेता से राजनेता बने रजनीकांत ( Rajinikanth ) ने गुरुवार को यह कहते हुए कि वह सत्ता की खातिर राजनीति में नहीं आ रहे हैं, उन्होंने खुद को तमिलनाडु ( Tamil nadu ) के मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर बताया।

साथ ही कहा कि प्रणाली में बदलाव की तत्काल आवश्यकता है। तमिल सुपरस्टार ( Tamil superstar Rajinikanth ) ने मीडिया को संबोधित करते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री के पद में कोई दिलचस्पी नहीं थी।

उनकी राजनीतिक पार्टी और सरकार, अगर सत्ता में आती है, तो उनके पास अलग-अलग नेता होंगे।

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उन्होंने कहा कि तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए उनकी पार्टी के 60-65 फीसदी उम्मीदवार 45-50 की आयु वर्ग के होंगे। शेष सीटें अन्य पेशेवरों, न्यायाधीशों और पूर्व आईएएस अधिकारियों जैसे ‘अच्छे लोगों’ को दी जाएंगी।

इससे पहले रजनीकांत ने कहा कि उनकी पार्टी साल 2021 के चुनावों में मजबूत बुनियादी ढांचे और पैसे की ताकत वाली दो बड़ी शक्तियों का सामना करने जा रही है।

संवाददाताओं को संबोधित करते हुए रजनीकांत ने कहा कि वह राजनीति में बदलाव लाना चाहते हैं।

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डीएमके और इसके अध्यक्ष एम.के. स्टालिन का नाम लिए बिना रजनीकांत ने कहा कि एक ओर ऐसी पार्टी है, जो 10 साल से सत्ता से बाहर है और वापसी चाहती है। वहीं दूसरी ओर सत्तारूढ़ दल एआईएडीएमके है, जिसके पास मजबूत दलगत ढांचा है और चुनाव लड़ने के लिए कुबेर जैसा धन का खजाना है।

रजनीकांत ने एआईएडीएमके की दिवंगत प्रमुख नेता जे.जयललिता और द्रमुक के दिवंगत प्रमुख करुणानिधि के बारे में इशारा करते हुए कहा कि इनके जाने के बाद दोनों ही दलों के नेतृत्व में रिक्तता आ गई है, जिसे अब भरने की जरूरत है।

 

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रजनीकांत ने कहा कि मैं अब 71 वर्ष का हो चुका हूं। अगर यह मौका चूका तो 2026 तक मैं 76 का हो जाऊंगा, इसलिए इस नीति के पक्ष में लोगों का आंदोलन होने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीति में बदलाव, शासन में बदलाव अब होना चाहिए। अगर यह अभी नहीं होगा, तो फिर कभी नहीं होगा।

 

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