
राज्यसभा उपसभापति चुनाव: वंदना चव्हाण हो सकती हैं विपक्ष की प्रत्याशी, एनडीए से कांटे की टक्कर
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति चुनाव के बाद सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्ष में एकबार फिर राज्यसभा के उपसभापति चुनाव को लेकर आमने सामने आ गए हैं। सूत्रों के मुताबिक एनडीए ने जहां जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) सांसद हरिवंश नारायण सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है, तो विपक्ष ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की सांसद वंदना चव्हाण को अपना प्रत्याशी घोषित कर सकती है।
शिवसेना और बीजेडी पर हो सकते हैं गेम चेंजर
विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के कक्ष में हुई विपक्षी नेताओं की बैठक में शामिल रहे एक नेता ने कहा, "उनके नाम पर काफी चर्चा हो रही है। उम्मीदवार के नाम पर अंतिम फैसला लेने के लिए सभी दलों ने शाम को एक और बैठक करने का फैसला किया है। सूत्रों ने कहा कि विपक्ष के उम्मीदवार पर समर्थन लेने के लिए एनसीपी प्रमुख शरद पवार के शिवसेना और बीजू जनता दल (बीजेडी) से मिलने की संभावना है। अंतिम निर्णय मंगलवार शाम लिया जा सकता है। कांग्रेस नेताओं के भी नवीन पटनायक की पार्टी से बात करने की संभावना है।
वंदना बोलीं- अभी कुछ तय नहीं
खुद को राज्यसभा के उपसभापति का प्रत्याशी बनाए जाने के सवाल पर वंदना ने मीडिया से कहा कि मुझे खुशी होगी कि कोई महिला राज्यसभा की उपसभापति बनती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अभी कुछ तय नहीं हुआ है। कुछ कहने से ज्यादा उचित होगा कि हम अभी विपक्षी दलों की बैठक खत्म होने और उनके निर्णय का इंतजार करें।
एनडीए की ओर से मैदान में हरिवंश
वहीं दूसरी ओर एनडीए की ओर से संभावित प्रत्याशी के रूप में हरिवंश नारायण सिंह मैदान में हैं। अगर हरिवंश यह मुकाबला जीते तो 41 साल बाद यह पद कांग्रेस मुक्त होगा। इस पद से अभी कांग्रेस नेता पीजे कुरियन पदस्थ थे। 1977 से लगातार कांग्रेस नेता ही पद को संभाल रहे हैं। इसके साथ ही यह पहला मौका होगा जब संसद के चारों उच्च पदों में से किसी पर भी कांग्रेस का नेता नहीं होगा।
एनडीए से ज्यादा है विपक्ष के पास सीटें
राज्यसभा के सभापति एम. वेकैया नायडू ने सोमवार को उच्च सदन के उपसभापति के लिए नौ अगस्त को चुनाव की घोषणा की थी। यह चुनाव संसद के मॉनसून सत्र की समाप्ति से एक दिन पहले हो रहा है। सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्ष में इसे लेकर खींततान जारी है। यह चुनाव इसलिए भी दिलचस्प होने वाला है क्योंकि संख्या के हिसाब से बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए से विपक्ष थोड़ा आगे है। चुनाव परिणाम बीजद, एआईएडीएमके, तेलंगाना राष्ट्र समिति और वाईएसआर कांग्रेस जैसी पार्टियों के रुख पर निर्भर करेगा, जो खास परिस्थितियों में सरकार के साथ गठजोड़ कर सकती हैं। विपक्षी सूत्रों ने कहा है कि 35 तटस्थ सदस्य हैं और परिणाम इन्हीं पर निर्भर करेगा।
Published on:
07 Aug 2018 05:55 pm
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