
नई दिल्ली। बिहार महागठबंधन में लंबे अरसे से उपेक्षा के शिकार राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेता भी अब हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी की तरह अलग राह पकड़ सकते हैं। इस बात के संकेत आरएलएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha ) ने दे दी है। बताया जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की सोच और सहयोगियों को भुलावे में रखने की राजनीति से बहुत नाराज है।
आरएलएसपी नेता कुशवाहा की नाराजगी का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि वो कभी भी महागठबंधन को अलविदा कह सकते हैं। इसे कुशवाहा को महागठबंधन से मोहभंग माना जा रहा है।
आरएलएसपी नेताओं की बुलाई आपात बैठक
दरअसल, महागठबंधन में आरजेडी और कांग्रेस की ओर से तवज्जो नहीं मिलने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी कार्यकारिणी की आपात बैठक 24 सितंबर को बुलाई है। कल आपात बैठक में उपेंद्र कुशवाहा अंतिम निर्णय ले सकते हैं।
आरजेडी की नीयत पर उठाए सवाल
इस बीच आरएलएसपी के प्रधान महासचिव आनंद माधव का कहना है कि जिस तरह से महागठबंधन में अनदेखी की आरएलएसपी शिकार है उससे आरजेडी की नीयत पर सवाल उठना तय है। उन्होंने कहा कि अभी तक उपेंद्र कुशवाहा को टिकट को लेकर कोई आश्वासन नहीं मिला है।
टूट के लिए आरजेडी और कांग्रेस जिम्मेदार
ताज्जुब की बात यह है कि जहां उपेंद्र कुशवाहा महागठबंधन से अलग होने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं वहीं आरएलएसपी के प्रधान महासचिव आनंद माधव ने कहा के अभी तक टिकट को लेकर के एक बार भी आश्वासन नहीं मिला है। ऐसे में रालोसपा अलग विकल्प देखने के लिए स्वतंत्र है। अगर ऐसा होता है कि इसकी जिम्मेदारी आरजेडी और कांग्रेस की होगी।
आरजेडी ने आरएलएसपी में लगाई सेंध
दूसरी तरफ आरजेडी नेताओं ने उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी में ही सेंध लगा दी है। आरएलएसपी के युवा प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मोहम्मद कामरान को मंगलवार देर रात तेजस्वी ने अपनी पार्टी की सदस्यता दिलाई जिससे कुशवाहा काफी नाराज हो गए हैं।
बता दें कि महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर उपेंद्र कुशवाहा लगातार मांग करते रहे हैं। इस मुद्दे पर कांग्रेस और आरजेडी नेताओं से मुलाकात भी करते रहे हैं। लेकिन उन्हें सीटों को लेकर अभी तक कोई आश्वासन नहीं मिला है।
Updated on:
23 Sept 2020 03:30 pm
Published on:
23 Sept 2020 03:24 pm
बड़ी खबरें
View Allराजनीति
ट्रेंडिंग
