अल्पसंख्यक समाज में दूर किया जाएगा CAA के बारे में फैला भय।
सभी सांसद-मंत्री अपने क्षेत्रों में निकालेंगे जागरूकता के लिए पदयात्रा।
संघ का दिल्ली चैप्टर पहले ही डोर-टू-डोर कैंपेन की कर चुका है घोषणा।
हरियाणा में अब भाजपा नहीं संघ चलाएगी सरकार
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर देश भर में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच अब राष्ट्रीय स्वसयंसेवक संघ (आरएसएस) ने मोर्चा संभाल लिया है। संघ इस संदर्भ में अब भाजपा नेताओं को नया होमवर्क दे रहा है। संघ ने इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश से की है। इससे पहले दिल्ली में भी संघ डोर-टू-डोर कैंपेन शुरू करने को लेकर घोषणा कर चुका है।
भाजपा को CAA पर मुसीबत से बचाएगा, RSS घर-घर जागरूकता अभियान चलाएगा आरएसएस ने शनिवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों की एक बैठक मेरठ के संघ कार्यालय में बुलाई थी। बैठक में पश्चिम उत्तर प्रदेश से संघ के कई पदाधिकारी भी शामिल हुए। बैठक में फैसला हुआ कि अल्पसंख्यक समाज में नागरिकता कानून के बारे में फैले भ्रम और भय को दूर किया जाए।
सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए पूरे उत्तर प्रदेश में छह रैलियां आयोजित करने का निर्णय लिया गया। बैठक में यह भी तय हुआ कि सभी सांसद और मंत्री अपने-अपने क्षेत्रों में पदयात्रा निकालेंगे, जो एक जनवरी से 15 जनवरी के बीच होगी।
IMAGE CREDIT: Patrika सूत्रों ने बताया है कि बैठक में केंद्रीय मंत्री वीके सिंह, संजीव बालियान, प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों के अलावा प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल मौजूद थे। संघ की प्रांतीय और विभागीय टीम के अलावा सभी संगठनों के लोग भी बैठक में शामिल हुए। बैठक दो सत्रों में आयोजित हुई। बैठक में एक पत्रक सभी सदस्यों के बीच साझा किया गया, जिसमें एनआरसी और नागरिकता कानून के बीच का अंतर बताया गया है।
सूत्र ने बताया कि इस पुस्तिका को प्रदेश भर में अल्पसंख्यक लोगों के बीच बांटा जाएगा। उल्लेखनीय है कि सीएए के खिलाफ देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं। देश के कई हिस्सों में हुए हिंसक प्रदर्शनों में कई लोगों की जान जा चुकी है।
बड़ी खबरः भाजपा ने जारी किया नए साल का कार्यक्रम, सबसे पहले 15 जनवरी तक करेगी यह जरूरी काम गौरतलब है कि इससे पहले कुछ दिन पहले आरएसएस के दिल्ली चैप्टर के प्रमुख भरत शर्मा ने कहा थाा, “हम तीन-चार दिनों के अंदर देश में सौहार्द और शांति को वापस बहाल करेंगे। हम सभी घर-घर (डोर टू डोर) जाएंगे। हम सीएए के बारे में कम से कम 10 लोगों को बताएंगे और इस अधिनियम के बारे में फैली भ्रांतियों को दूर करेंगे। युवाओं तक पहुंचने के लिए भी एक अभियान शुरू किया जाएगा।”
एक आरएसएस कार्यकर्ता ने बताया, “लोगों को पहले समझना चाहिए कि सीएए क्या है। इस अधिनियम में किसी भी भारतीय नागरिक के खिलाफ कुछ भी नहीं है।”