जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल ने कहा कि ईद मिलाद उन नबी के दिन रसोइया भी छुट्टी पर था। श्रीनगर और जम्मू के बीच कई उड़ानें हैं। अगर वे सरकार बनाने को लेकर संजीदा थे तो किसी को भी भेज सकते थे। उन्होंने कहा कि महबूबा मुफ्ती ने मुझसे एक हफ्ते पहले कहा था कि उनके एमएलए को धमकाया जा रहा है। मलिक ने कहा कि सज्जाद लोन भी कह रहे थे कि उनके पास भी पर्याप्त विधायक हैं। उनके एमएलए को भी धमकाया जा रहा है। ऐसे में मैं लोन को मौका देकर पक्षपात नहीं करना चाहता था। ऐसा करता तो उसे पक्षपात माना जाता। बता दें कि पीडीपी, एनसी और कांग्रेस द्वारा सरकार गठन को लेकर प्रयास तेज करने के बाद जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग कर दिया था।