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Shaheen Bagh : उन लोगों को गलत साबित करना चाहता हूं जो BJP को दुश्मन समझते हैं – शहजाद अली

नागरिकता संशोधन कानून ( CAA ) के मुद्दे पर वास्तविक तस्वीर सामने लाना चाहता हूं। Muslim Community के लोग बीजेपी को गलत समझ रहे हैं। उनके भ्रम को दूर करने की जरूरत है।

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Shehzad Ali

नागरिकता संशोधन कानून ( CAA ) के मुद्दे पर भी उनके साथ बैठकर वास्तविक तस्वीर सामने लाना चाहता हूं।

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानूनी ( CAA ) को लेकर चर्चा में आए शाहीन बाग ( Shaheen Bagh ) के सामाजिक कार्यकर्ता शहजाद अली ( Shahzad Ali) ने भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) का हाथ थम लिया। बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्होंने बड़ा बयान दिया है। शहजाद अली ने कहा कि हमारे समुदाय के कुछ लोग भाजपा को अपना दुश्मन समझते हैं, मैं उन्हें गलत साबित करना चाहता हूं।

बीजेपी में शामिल होने के बाद शाहीन बाग के सामाजिक कार्यकर्ता और अब बीजेपी के नेता शहजाद अली ने कहा कि मैं भाजपा में शामिल हो गया हूं। ताकि अपने समुदाय के उन लोगों को गलत साबित कर सकूं, जो इस पार्टी को अपना दुश्मन समझते हें। इसके अलावा हम नागरिकता संशोधन कानून के मुद्दे पर भी उनके साथ बैठकर वास्तविक तस्वीर सामने लाना चाहता हूं।

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उन्होंने कहा कि बीजेपी की विचारधारा () BJP Ideology ) और मोदी सरकार ( Modi Government ) की नीतियों को समसामयिकता के परिप्रेक्ष्य में देखने की जरूरत हैं। हमें इस बात पर गौर फरमाना होगा कि संतुष्टिकरण को बढ़ावा मिलने के बदले सभी को एक साथ लेकर चला जाए। सभी पर एक समान कानून लागू हो। तभी जाकर हम एक नए और बेहतर समाज की कल्पना कर सकते हैं।

दरअसल, दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में बीजेपी ( BJp ) ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शाहीन बाग के धरने को बहुत बड़ा मुद्दा बनाया था, लेकिन अब उसी इलाके के एक सामाजिक कार्यकर्ता और युवा मुस्लिम चेहरे ने अपने हाथ में बीजेपी का दामन थाम लिया है। इससे बीजेपी को शाहीन बाग इलाके में मजबूती मिली है।

बता दें कि दिसंबर, 2019 में मोदी सरकार ने संसद से नागरिकता संशोधन विधेयक पास कराकर देशभर में लागू किया था। इस कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होकर भारत आने वाले गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है।

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इन तीनों देशों से जो हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध,पारसी और क्रिश्चियन धार्मिक प्रताड़ना की वजह से 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत में आकर शरणार्थी का जीवन जी रहे हैं, उन्हें भारत की नागरिकता दी जाएगी।

इस कानून के दायरे से मुस्लिमों को बाहर रखने का सीधा असर यह हुआ कि इसके विरोध में मुस्लिम समुदाय ने देशभर में धरना प्रदर्शन किया। इसमें दिल्ली के शाहीन बाग का धरना देश दुनिया में चर्चा में आ गया। इतना ही नहीं सीएए का कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने भी खुलकर विरोध किया।