बिहार कांग्रेस का मनोबल टूटा
शकील अहमद ने एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए दावा किया कि, ‘कांग्रेस को गठबंधन में कम सीटें मिलीं हैं। उन्हें कम से कम 12 सीटें मिलनी चाहिए थीं। समझौता बेहतर तरीके से किया जाना चाहिए था। इस फैसले से बिहार कांग्रेस का मनोबल टूटा है।’ उन्होंने कहा कि गठबंधन का एकमात्र मकसद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को शिकस्त देना है, लेकिन मधुबनी सीट पर नई पार्टी के कमजोर उम्मीदवार को मैदान में उतारा गया।
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इसलिए लिया निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला
शकील अहमद ने कहा, ‘बिल्कुल नई पार्टी द्वारा उतारा गया उम्मीदवार भाजपा को शिकस्त देने में काफी कमजोर है। इसलिए मैंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया।’ मधुबनी से पूर्व सांसद शकील अहमद ने कहा कि उनको जानकारी मिली है कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से सीटों को लेकर बातचीत करने वाले प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने राजद के एक नेता के प्रभाव में आकर इस सीट की मांग नहीं की।
निलंबन हुआ है न कि पार्टी से निष्कासन: शकील अहमद
वहीं, पार्टी से निकलने की बाद पर अहमद ने कहा कि उनका निलंबन हुआ है न कि पार्टी से निष्कासन और उन्होंने कांग्रेस नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा, ‘मैं कांग्रेस में था, कांग्रेस में हूं और अपनी पूरी जिंदगी कांग्रेस में रहूंगा।’ अहमद ने कहा कि RJD ने भी झारखंड के चतरा में प्रदेश में गठबंधन उम्मीदवार के खिलाफ अपना प्रत्याशी उतारा है। अहमद ने कहा कि उन्होंने पार्टी से आग्रह किया था कि उनको पार्टी का चुनाव चिन्ह दिया जाए या निर्दलीय के रूप में उन्हें पार्टी का समर्थन दिया जाए। उन्होंने कहा, ‘मुझे समर्थन नहीं मिला और मतदान से एक दिन पहले निलंबित कर दिया गया।’
उन्होंने कहा, ‘पार्टी को कार्रवाई करने का अधिकार है, लेकिन जब गठबंधन के सहयोगी खुलेआम गठबंधन की परंपरा का उल्लंघन कर रहे हैं और प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से उम्मीदवार उतार रहे हैं तो यह (कार्रवाई) कठोर लगती है और वह भी मतदान से एक दिन पहले।’
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जीत की संभावना पर दिया यह जवाब
उन्होंने कहा, ‘मेरे अपनों के लिए यह थोड़ा मनोबल टूटने की बात है, लेकिन मीडिया में बताया गया कि (RJD नेता) तेजस्वी यादव के दबाव में ऐसा किया गया। इसलिए समाज के कुछ वर्गो की मुझे सहानुभूति मिल रही है।’ उनके जीतने की संभावना को लेकर पूछे गए सवाल पर अहमद ने कहा, ‘इस समय मैं यही कह सकता हूं कि मैं मुकाबले में हूं।’ कांग्रेस बिहार में RJD और विकासशील इंसाफ पार्टी (VIP) और अन्य के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। मधुबनी में गठबंधन ने नई पार्टी वीआईपी के उम्मीदवार बद्री पूर्वे को चुनाव मैदान में उतारा है।
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