
एनसीपी चीफ शरद पवार मना रहे 80वां जन्मदिन
नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख और देश के दिग्गज नेताओं में शुमार शरद पवार ( Sharad Pawar ) आज अपना 80वां जन्मदिन मना रहे हैं। पीएम मोदी ने पवार को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा- 'शरद पवार जी को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं। भगवान उन्हें अच्छी सेहत और लंबी उम्र का वरदान दें।'
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार प्रमुख विपक्षी नेताओं में से एक हैं और उन्हें देश में बीजेपी विरोधी मोर्चे का प्रमुख चेहरा भी माना जाता है। राजनीति के धुरंधर शरद पवार ने जीवन के पांच दशक से ज्यादा समय में एक भी चुनाव नहीं हारा। यही वजह है कि वे राजनीति के भीष्म पितामह माने जाते हैं। उनके 80वें जन्मदिन पर आईए जानते हैं अब तक के सफर पर एक नजर...
शरद पवार का जन्म 12 दिसंबर, 1940 को हुआ था. वह महाराष्ट्र के बारामती में जन्मे थे। शरद पवार का पूरा नाम शरद गोविंदराव पवार (Sharad Govindrao Pawar) है। शरद पवार ने 1967 में प्रतिभा पवार से शादी की थी। शरद पवार राजनीति में 55 वर्ष बिता चुके हैं।
पांच दशक में नहीं हारे कोई चुनाव
राष्ट्रवादी कांग्रेस प्रमुख शरद पवार ने अपनी नीति और राजनीतिक समझ से कुछ ऐसे मानक तय किए जिसने देश की राजनीति में उन्हें अलग पहचान दे डाली।
इस पहचान के पीछे उनकी अजय पारी भी शामिल है। 55 वर्ष के राजनीतिक अनुभव में शरद पवार 1967 के बाद यानी 53 वर्षों से एक भी चुनाव नहीं हारे हैं। फिर चाहे वो विधानसभा का हो या फिर लोकसभा का।
पवार ने जब चुनाव लड़ा, अपनी सूझ-बूझ और रणनीति के साथ जनता के दिल में जगह बनाई। नतीजा विनर के रूप में सामने आया।
पवार चार बार बने महाराष्ट्र के सीएम
- 1978 जुलाई से फरवरी 1980
- 1988 जून से मार्च 1990
- 1990 मार्च से जून 1991
- 1993 मार्च से मार्च 1995
तीन बार केंद्रीय मंत्री
शरद पवार अब तक के राजनीतिक सफर में चार बार सीएम बने। इसके अलावा पवार तीन बार केंद्रीय मंत्री भी बने। यही नहीं उन्होंने राज्य और केंद्र में विपक्ष के नेता, संसदीय दल के नेता के रूप में कार्य किया और अन्य शीर्ष पदों पर सेवाएं दी। मौजूदा समय में शरद पवार राज्यसभा सांसद हैं।
क्रिकेट के मैदान में भी हिट
पवार 2005 से 2008 तक बीसीसीआई (BCCI) के अध्यक्ष भी रहे। जबकि 2010 से 2012 तक इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के अध्यक्ष भी रहे।
जनता की नब्ज पर पकड़
शरद पवार को ऐसे ही राजनीति का पितामह नहीं कहा जाता। इसके पीछे उनकी जनता की नब्ज पर पकड़ बड़ी वजह है। दरअसल पवार ने दो बार ऐसे समय में अपनी चुनावी भाषण से विरोधी माहौल को पक्ष में बदल दिया। 27 वर्ष पहले शरद पवार में लातूर में बारिश के एक रैली की और जनता से रूबरू हुए, नतीजा पार्टी के पक्ष में बंपर वोटिंग के रूप में आया।
ठीक इसी तरह पवार इतिहास को तब दोहराया जब देश में मोदी लहर थी। पवार ने सतारा 2019 में सतारा में एक लोकसभा उपचुनाव के दौरान बारिश के बीच जनता को संबोधित किया। नतीजा इस सीट पर एनसीपी की जीत हुई।
मोदी-शाह को मात
यह शरद पवार राजनीति रणनीतियों का ही नतीजा था कि मोदी लहर के बाद महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर भी बीजेपी सरकार नहीं बना पाई। पवार ने मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जैसे भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष कद्दावर नेताओं की नाक के नीचे से सत्ता छीन ली। शिवसेना को तोड़ा और उद्धव ठाकरे को सीएम की कुर्सी पर काबिज कर दिखाया।
Published on:
12 Dec 2020 10:51 am
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