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कांग्रेस नेता शशि थरूर की सरकार को सलाह, संस्कृत अद्भुत भाषा लेकिन व्यावहारिक नहीं

शशि थरूर ने फिर अलापा संस्कृत राग संस्कृत को बताया अद्भुत भाषा लेकिन आसान नहीं भारत की आधिकारिक भाषा किए जाने पर आपत्ति

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shashi tharoor

नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार दूसरी बार सत्ता का स्वाद चखने वाली भारतीय जनता पार्टी ने अपनी नीतियों पर काम करना शुरू कर दिया है। इसी नीति के तहत संस्कृत को भारत की आधिकारिक भाषा बनाया जाना भी शामिल है। मोदी सरकार के इसी कदम को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने नसीहत भरे लहजे में अपनी बात कही है। थरूर ने कहा है कि संस्कृत एक अद्भुत भाषा है लेकिन ये व्यावहारिक नहीं है।

थरूर ने यह दिया तर्क

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने संस्कृत को भारत की आधिकारिक भाषा न बनाए जाने को लेकर एनसीएसटी के अध्यक्ष को जो तर्क दिया है उसके मुताबिक संस्कृत एक अद्भुत भाषा है, लेकिन यह आसान नहीं है। उन्होंने कहा इतना ही नहीं ये वर्तमान में ज्यादा बोली भी नहीं जाती। ऐसे में ये व्यावहारिक नहीं है। यही वजह है कि संस्कृत को आधिकारिक भाषा में बदल देना थोड़ा खिंचाव देने वाला होगा । यह मेरा यथार्थवादी निवेदन है कि संस्कृत को भारत की आधिकारिक भाषा नहीं बनाया जाए।

शशि थरूर ने अपने इस तर्क के साथ ही एक नई बहस को छेड़ दिया है। थरूर के मुताबिक संस्कृत को आम बोल चाल में ज्यादा प्रयोग नहीं किया जाता है। इसलिए इसे बतौर आधिरकारिक भाषा चलन में लाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

संस्कृत पर मोदी बनाम थरूर

दरअसल शशि थरूर का संस्कृत को लेकर विरोध पीएम मोदी के उन श्लोकों का जवाब भी हो सकता है जो पिछले वर्ष उन्होंने नवरात्र के समय थरूर के अंग्रेजी शब्दों के जवाब में दिए थे। वर्ष 2018 में पीएम मोदी ने नवरात्र की शुभकामनाएं देने के लिए हर दिन संस्कृत में कोई न कोई ट्वीट किया। इन ट्वीट में पीएम मोदी ने एक श्लोक में 'करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू' शब्द का इस्तेमाल किया, जिसका अर्थ जानने के लिए लोग उत्सुक हो गए।

ये था मोदी का श्लोक

पीएम मोदी ने अपने ट्वीट के जरिये मां की स्तुति की। उन्होंने लिखा... 'दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥' इस श्लोक का मतलब था , 'आप अपने करकमलों में माला (दायें) और कमंडल (बायें) धारण करती हैं। हे ब्रह्मचारिणी देवी, आपसे उत्तम और श्रेष्ठ और कुछ नहीं हो सकता। प्रसन्न होकर आप हम सब पर कृपा करें।'

थरूर के शब्द की काट

मोदी के इस श्लोक को शशि थरूर के उस अंग्रेजी शब्द की काट बताया गया था जिसके जरिये थरूर चर्चा में आए थे। थरूर अपनी अंग्रेजी किताब को लेकर उन दिनों चर्चा में थे। थरूर ने अपनी नई किताब का जिक्र करते हुए एक अंग्रेजी शब्द का इस्तेमाल किया था, जिसे कोई आसानी से समझ नहीं पाया। पीएम मोदी पर लिखी अपनी किताब 'द पैरोडॉक्सियल प्राइम मिनिस्टर' के बारे में जानकारी देते हुए थरूर ने एक ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने 'floccinaucinihilipilification' शब्द का प्रयोग किया। इस शब्द का मतलब होता है किसी बात की आलोचना करने की आदत, चाहे वो गलत हो या सही। यहीं से शशि थरूर और पीएम मोदी के बीच अंग्रेजी बनाम संस्कृत वॉर शुरू हुआ।