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शीला दीक्षित का सियासी सफरः 15 साल तक रहीं CM फिर भी मिला 5 साल का अज्ञातवास

Sheila Dixit ने दुनिया को कहा अलविदा 1998 से 2013 तक रहीं Delhi की मुख्यमंत्री 2019 में बनीं दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष

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Sheila Dixit Passes Away

नई दिल्ली। लगातार 15 साल तक मुख्यमंत्री बनकर रिकॉर्ड बनाने वाली शीला दीक्षित अब इस दुनिया में नहीं हैं। 1984 में पहली बार कन्नौज से लोकसभा चुनाव लड़कर संसद पहुंचने वाली Sheila Dixit को अपने आखिरी लोकसभा चुनाव 2019 में हार का सामना करना पड़ा था।

5 साल तक राजनीति से गायब

वर्ष 2013 दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल के हाथों शीला को शिकस्त झेलनी पड़ी थी।

इसके बाद शीला 5 साल के लिए राजनीतिक हाशिए पर चली गई थीं।

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कांग्रेस की सबसे दमदार नेता

शीला दीक्षित साल 1998 से 2013 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं।

बेशक केजरीवाल से उन्हें हार का सामना करना पड़ा लेकिन दिल्ली का चेहरा बदलने का श्रेय शीला दीक्षित को ही दिया जाता है।

राजधानी दिल्ली में शीला दीक्षित कांग्रेस का सबसे भरोसेमंद चेहरा थीं।

दिल्ली का चेहरा शीला ने ही बदला

पहली बार लगातार 15 सालों तक किसी राज्य की महिला मुख्यमंत्री रहने का रुतबा भी शीला दीक्षित के नाम ही है।

अपने शासन के दौरान दिल्‍ली में मेट्रो, पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सीएनजी आधारित करने और फ्लाईओवर के निर्माण को लेकर उन्हें याद किया जाता है।

पार्टी और लोगों में हमेशा लोकप्रिय

शीला दीक्षित कांग्रेस की ऐसी नेता थीं जिनकी छवि आम लोगों के बीच भी उतनी ही लोकप्रिय रही, जितनी अपने सहयोगियों के बीच दमदार थी।

दिल्ली की सत्ता हाथ से निकलने के बाद यूपीए सरकार के दौरान मार्च 2014 में शीला दीक्षित केरल की राज्यपाल भी रहीं।

हालांकि उनका कार्यकाल महज पांच महीने का ही था।

शीला दीक्षित का सियासी सफर

2019: लोकसभा चुनाव में उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से पार्टी की उम्मीदवार बनीं

2019: 10 जनवरी को दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष नियुक्त हुईं।
2014: 11 मार्च को राष्ट्रपति ने शीला को केरल की राज्यपाल नियुक्त। पांच महीने बाद 25 अगस्त 2014 उन्होंने इस्तीफा दे दिया।

1998: दिल्ली विधानसभा चुनाव में शीला की अगुवाई में कांग्रेस को बंपर जीत मिली। इसके बाद 2013 तक के लगातार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं।

1998: में कांग्रेस पार्टी ने शीला दीक्षित को दिल्ली प्रदेश का अध्यक्ष नियुक्त किया।

1984 से 1989 तक शीला दीक्षित केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री भी रहीं।

1984: उत्तर प्रदेश के कन्नौज से पहली बार लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचीं।