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टूटने की कगार पर भाजपा-शिवसेना का साथ! राहुल की तारीफ मोदी-शाह नहीं करेंगे बर्दाश्त

कभी भी टूट सकता है भाजपा-शिवसेना का साथ, मिशन 2019 पर भी लटक रही तलवार। राहुल की तारीफ से खफा हैं मोदी और शाह।

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टूटने की कगार पर है भाजपा-शिवसेना का साथ! राहुल की तारीफ मोदी-शाह नहीं करेंगे बर्दाश्त

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है ये तो सभी जानते हैं। इसकी एक बानगी हाल में हुए अविश्वास प्रस्ताव के दौरान भी देखने को मिली जब शिवसेना हर पल अपना स्टैंड बदलती रही। मोदी सरकार ने वैसे तो अविश्वास प्रस्ताव पर जीत हासिल कर सदन का विश्वास जीता, लेकिन इस जीत में भी एक बड़ी हार छिपी नजर आ रही है। रही सही कसर तब पूरी हो गई जब शिवसेना ने राहुल-मोदी की लड़ाई में राहुल को विजेता घोषित कर दिया। अब जानकार मान रहे हैं कि किसी भी वक्त भाजपा और शिवसेना अलग हो सकती हैं।

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आमतौर पर शिवसेना ने मोदी सरकार पर अपने तीखे हमले करती रहती है। हालांकि भाजपा ने अपनी ओर से शिवसेना को साथ लेकर चलने की कई बार कोशिश भी की, लेकिन इसका खास फायदा नहीं मिला। बताया ये भी गया अविश्वास प्रस्ताव से पहले अमित शाह ने उद्धव ठाकरे के कई बार फोन करके अविश्वास प्रस्ताव में साथ देने की बात भी करनी चाही, लेकिन फायदा नहीं मिला। हद तो तब हो गई जब अविश्वास प्रस्ताव के दौरान जब भाजपा अपने विरोधियों को पस्त करने के लिए सहयोगियों का साथ चाहती थी, लेकिन शिवसेना ने उस वक्त भाजपा का साथ छोड़ दिया।

शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने अपने सांसदों को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से बाहर रहने का आदेश दे दिया। राजनीतिक विशषज्ञों की माने तो शिवसेना ने अपने इस रुख के जरिये साफ कर दिया है कि वो कितना ही बड़ा मौका क्यों न आ जाए भाजपा का दामन पकड़ कर नहीं चलेगी।

इसके बाद शिवसेना ने अपने सहयोगी भाजपा पर एक और बड़ा प्रहार किया। सदन में हुई राहुल गांधी और पीएम मोदी के बीच की लड़ाई में सेना ने राहुल गांधी को विजयी घोषित कर दिया। यानी भाजपा के घोर विरोधी अब शिवसेना के पसंदीदा बन रहे हैं, जो मिशन 2019 से पहले कुछ और ही इशारा कर रहे हैं।

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राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो अपने ऊपर किए गए सभी तरह के कटाश भाजपा बर्दाश्त कर सकती, लेकिन मोदी और शाह को ये बात बिल्कुल भी गंवारा नहीं गुजरेगी कि शिवसेना राहुल गांधी की तारीफों के पुल बांधे। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में पीएम को गले लगाते हुए राहुल गांधी की तस्वीर छापी और लिखा कि भाई, आपने हमें जीत लिया।

2019 में क्या होगा?
पिछले लंबे समय से भाजपा से मुंह फेर चुकी शिवसेना ने अगले साल होने वाले आम चुनाव से ठीक पहले अपने तेवरों को और तल्ख कर लिया है। माना जा रहा है कि शाह की चाणक्य नीति भी शिवसेना को रोकने में कामयाबी हासिल नहीं कर पाई है। ऐसे में 2019 में भाजपा और शिवसेना का साथ काफी मुश्किल ही दिखाई दे रहा है। सूत्रों की माने तो ये साथ इसी साल या फिर कुछ दिनों में ही टूट सकता है। ऐसा होता है तो भाजपा के लिए ये संकेत किसी भी सूरत में नुकसान का ही सौदा साबित होंगे। फिर चाहे बात महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की हो या फिर मिशन 2019 की।