
नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के चार दिन बाद भी नई सरकार के गठन को लेकर अभी तक तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी के बीच सरकार गठन में कुर्सी को लेकर खींचतान जारी है।
इस बीच शिवसेना के दिग्गज नेता संजय राउत ने कहा है कि महाराष्ट्र में कोई दुष्यंत चौटाला नहीं है जिसके पिता जेल में हों। उन्होंने कहा कि हमारे पास भी विकल्प हैं और हम अपने नीतियों और एजेंडों को ध्यान में रखते हुए अंतिम फैसला लेंगे।
बिग बार्गेन के मूड में शिवसेना
बता दें कि हरियाणा की तरह महाराष्ट्र में भी इस बार किसी एक दल को जनादेश नहीं मिला है। प्रदेश में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। वहीं शिवसेना को 56 सीटों पर जीत मिली है। त्रिशंकु विधानसभा और एनसीपी-कांग्रेस का समर्थन मिलने की आस में शिवसेना इस बार बीजेपी से बिग बार्गेन करने के मूड में है।
सीएम पद छोड़ने को तैयार नहीं है शिवसेना
बता दें कि महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 2014 के मुकाबले कम सीटें मिली हैं। शिवसेना इसी बहाने बीजेपी पर मुख्यमंत्री पद के लिए दबाव बना रही है।
शिवसेना ने रविवार को सामना में लिखा कि इस बार महाराष्ट्र में रिमोट कंट्रोल उद्धव ठाकरे के पास है। यही वजह है कि शिवसेना 50:50 फार्मूले के तहत सीएम का पद चाहती है। वहीं बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करते हुए शिवसेना को सीएम पद नहीं देना चहती है।
सीएम पद की जिद छोड़ दे शिवसेना
इस मुद्दे पर आरपीआई नेता और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने शिवसेना से अपील की है कि वो सीएम पद की जिद छोड़ दें। उन्होंने सीएम पद के देवेंद्र फडणवीस का पक्ष लिया है। साथ ही आदित्य ठाकरे को डिप्टी सीएम बनाने की वकालत की है।
Updated on:
29 Oct 2019 03:03 pm
Published on:
29 Oct 2019 11:01 am
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