
एक बार फिर भाजपा के साथ खड़ी होगी शिवसेना! अविश्वास प्रस्ताव के दौरान विरोधियों के खिलाफ करेगी वोट
नई दिल्ली। बुधवार से शुरू हुए मॉनसून सत्र के पहले दिन ही संसद में मॉब लिंचिंग और दूसरे मुद्दों पर जमकर हंगामा हुआ। इसी बीच लोकसभा में सत्तारूढ़ एनडीए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का नोटिस स्वीकार कर लिया गया और स्पीकर ने कहा कि वो अगले दो-तीन दिन में इस पर बहस की तारीख़ तय करेंगी। शुक्रवार को विपक्ष सदन में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करेगा। खास बात यह है कि विरोध की इस लहर में आमतौर पर सरकार की मुखालफत करने वाली शिवसेना यहां कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी दिखाई देगी।
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एनडीए गठबंधन में सबसे ज्यादा सरकार पर सवाल खड़े करने वाली शिवसेना ने एक बार फिर सरकार का साथ देने का मन बनाया है। केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने साफ कहा है कि एनडीए पहले भी एकजुट था अब भी एकजुट है। अविश्वास प्रस्ताव के दौरान हमारे सभी दल साथ हैं।
ये है सदन का गणित
विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सरकार को किसी भी तरह का कोई खतरा दिखाई नहीं दे रहा है। वो आसानी से विश्वासमत हासिल कर सकती है। लोकसभा के 535 सदस्यों में से एनडीए के पास 313 का जादुई आंकड़ा है। इनमें भाजपा के 272 हैं जो बहुमत साबित करने के लिए जरूरी आकंड़े 268 से कहीं ज्यादा है। ऐेसे में भाजपा अकेले ही सदन में विश्वासमत हासिल कर सकती है।
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उधर.. इस मामले में हालांकि शिवसेना की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टी नहीं मिली है। ना ही पार्टी की ओर से इस पर कोई बयान आया है। शायद यही वजह है कि विपक्ष को भी लगता है शिवसेना अपने 18 सदस्यों के साथ उनके पक्ष में वोट करेगी। बहरहाल इस बात से पर्दा तो शुक्रवार को ही उठेगा कि शिवसेना अब भी भाजपा के साथ है या फिर भाजपा को अब किसी की जरूरत ही नहीं है।
Published on:
19 Jul 2018 09:49 am
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