शिवसेना ने एक बार फिर ट्रंप के बहाने बीजेपी को लेकर अपना राजनीतिक पासा चला है। दरअसल एक दिन पहले ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ऐलाना किया था महाराष्ट्र का अगला चुनाव बीजेपी VS अन्य को लेकर होगा। यानी अगले चुनाव में बीजेपी अकेले चुनाव लड़ेगी। ऐसे में सामना के जरिये शिवसेना का हमला इसी का जवाब माना जा सकता है।
सामना में लिखा है कि बादशाह ट्रंप क्या खाते हैं, क्या पीते हैं, उनके गद्दे, बिछौने, टेबल, कुर्सी, उनका बाथरूम, उनके पलंग, छत के झूमर जैसी तमाम चीजों को लेकर केंद्र सरकार बैठक तक कर रही है। गुलाम भारत के दौरान भी यही सब होता था। इंग्लैंड के राजा-रानी के स्वागत की ऐसी ही तैयारी होती थी और जनता की तिजोरी से बड़ा खर्च किया जाता था।
शिवसेना ने कहा है कि ट्रंप को लेकर हो रही तैयारियां गुलाम मानसिकता की ओर इशारा कर रही हैं।
प्रेसिडेंट ट्रंप ये कोई दुनिया के धर्मराज या मिस्टर सत्यवादी नहीं हैं। वे एक अमीर, उद्योगपति और पूंजीपति हैं और हमारे यहां जिस तरह से बड़े उद्योगपति राजनीति में आते हैं या पैसों के जोर पर राजनीति को मुट्ठी में रखते हैं, उन्हीं विचारों के हैं।
शिवसेना ने सामना में पूछा ट्रंप कोई बड़े बुद्धिजीवी, प्रशासक, दुनिया का कल्याण करनेवाले विचारक हैं क्या? निश्चित ही नहीं लेकिन सत्ता पर बैठे व्यक्ति के पास होशियारी की गंगोत्री है। सत्ता के सामने होशियारी चलती नहीं बाबा! मौका पड़े तो गधे को भी बाप कहना पड़ता है।
सामना में लिखा है कि प्रेसिडेंट ट्रंप को पहले गुजरात में ही क्यों लेकर जाया जा रहा है? इस सवाल का सही जवाब मिलना कठिन है। ट्रंप अमदाबाद एयरपोर्ट पर उतरेंगे इसलिए एयरपोर्ट और एयरपोर्ट के बाहर की सड़कों की मरम्मत शुरू हो गई है। प्रेसिडेंट ट्रंप वे केवल तीन घंटों के दौरे पर आ रहे हैं और उनके लिए 100 करोड़ रुपया सरकारी तिजोरी से खर्च हो रहा है।
ट्रंप गुजरात में चरण पड़ रह हैं तो सरकार ने 14 सड़कों का डामरीकरण शुरू कर दिया, नई सड़कें भी बन रही हैं। खास बात यह है कि प्रेसिडेंट ट्रंप को सड़क से सटे गरीबों के झोपड़े का दर्शन न हो इसके लिए सड़क के दोनों ओर किलों की तरह ऊंची-ऊंची दीवारें बनाने का काम शुरू है।
मोदी की जय-जयकार करने के लिए लोकसभा चुनाव से पहले अमरीका में ‘हाऊ डी मोदी’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उसमें ट्रंप ने उपस्थिति दर्ज कराई थी।