
असम एनआरसी पर सियासी घमासान, कई दलों के सांसदो ने किया विरोध प्रदर्शन
नई दिल्ली। असम के नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। मंगलवार को एनआरसी को लेकर विपक्ष की कई पार्टियों ने प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया। असम एनआरसी के खिलाफ टीएमसी, आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी के सांसदों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। सपा की राज्यसभा सांसद जया बच्चन समेत कई नेता हाथ में पोस्ट, तख्ती लिए हुए नजर आए। सांसदों ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ भी नारेबाजी की।
इस बीच आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर टीडीपी के सांसदों का विरोध-प्रदर्शन जारी है। टीडीपी के सांसदों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया।
टीएमसी ने पूछा, रोहिंग्याओं के लिए सरकार दिखाएगी इंसानियत?
संसद के बाहर ही नहीं बल्कि संसद के अंदर में भी हंगामा हो रहा है। मानसून सत्रे के 9वें दिन लोकसभा में टीएमसी के सांसद सुगाता बोस ने कहा, “विदेश मंत्रालय बांग्लादेश में रोहिंग्याओं के लिए ‘ऑपरेशन इंसानियत’ चला रहा है। भारत में 40 हजार रोहिंग्या हैं, क्या सिर्फ बांग्लादेश में रह रहे रोहिंग्याओं के लिए इंसानियत दिखाई जाएगी?” उनके इस बयान पर गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू ने कहा, “टीएमसी सांसद सुगाता बोस की टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है। संभवत: भारत एकमात्र देश है जो शरणार्थियों के प्रति इतना नर्म रवैया अपनाया है। हमने म्यांमार से कहा है कि रोहिंग्याओं के वापस लौटने के बाद सुविधा प्रदान करने में सहायता करने के लिए भारत तैयार है।”
'सरकार बनी तो बंगाल में भी लाएंगे NRC'
बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि अगर उनकी पार्टी की सरकार आती है असम की तरह ही बंगाल में भी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ नेता एनआरसी को लेकर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं क्योंकि उन्हें अपनी वोट बैंक की राजनीति के खत्म होने का अंदेशा है। उन्होंने कहा कि इस बात की चिंता अब सबसे ज्यादा ममता बनर्जी को है। ऐसा इसलिए कि वो मुस्लिमपरस्त राजनीति करती हैं और प्रदेश में सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने में लगी है। उनके राज में हिंदुओं को डराने का किया जाता है।
40 लाख अवैध नागरिक
आपको बता दें कि असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का अंतिम मसौदा सोमवार को जारी कर दिया गया। ऐसा करने वाला असम देश का पहला राज्य बन गया है। एनआरसी में असम के 3.29 करोड़ आवेदकों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम हैं। 40 लाख लोगों को अवैध करार दिया गया है। अब वो भारतीय नागरिक नहीं रहे।
Published on:
31 Jul 2018 12:47 pm
बड़ी खबरें
View Allराजनीति
ट्रेंडिंग
