
meer ranjan negi with shahrukh khan during the making of Chak de india film
(इंटरव्यू: विकास मिश्रा) कोरोना वायरस संक्रमण ने पूरे देश के खेल जगत को प्रभावित किया है। स्कूल, कॉलेज अकादमी बंद, यहां तक के लॉकडाउन में तो मॉर्निंग वॉक भी नहीं कर सकते थे। अभी खेल जगत अपनी लय नहीं पकड़ पाया है और न आने वाले कुछ दिनों तक स्थितियां सामान्य होती दिखाई दे रही हैं। खेल शिक्षकों के लिए साल बुरा रहा। लॉकडाउन के कारण कई खेलों के खिलाडिय़ों की उम्र बढ़ गई जिससे उनके आगे की पूरी प्लानिंग गड़बड़ा गई है। खेल गतिविधियां बंद होने से बच्चों के वजन भी बढ़ गए हैं।
कुछ खेल जो शुरू हुए हैं पर बिना दर्शकों के ही। इससे स्पांसरशिप सहित अन्य आर्थिक पहलू प्रभावित हो रहे हैं। पर मेरी सोच है कि विपरित दौर में भी सदैव सकारात्मक सोच के साथ आगे बढऩे की जरूरत है। जब सारे मैदान, स्टेडियम सहित अन्य खेल सुविधाएं बंद हैं तो इस समय का इस्तमाल करते हुए उन्हें समृद्ध और आधुनिक करने की जरूरत है। मुश्किलों में मौका तलाशते हुए खेलों की आधारभूत सुविधाओं को मजबूत करने का अच्छा मौका है। सरकार सहित खेल संगठनों को इसका फायदा उठाना चाहिए। मैदानों को नए सिरे से तैयार करने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ले जाने का यह सुनहरा मौका है।
देश भर में ऐसे सैकड़ों खेल मैदान हैं जहां की स्थिति खराब है, यदि सरकार और खेल संगठन मिल जाएं तो उन्हें बेहतर किया जा सकता है। खिलाडिय़ों और उनके पालकों के लिए भी यह प्रिप्रेशन टाइम है। खेल शुरू होने के बाद बच्चों को कैसे आगे बढऩा है उसकी पूरी कार्ययोजना तैयार करने की जरूरत है। छोटे बच्चों को मैदान में आने की मनाही है। लेकिन घर पर ही उन्हें टिप्स दिए जा सकते हैं। बड़े बच्चों को शहर के आसपास के जिलों में ले जाकर वहां अभ्यास मैच में होने चाहिए। बस एक ही सीख के स्पोट्र्स मैन स्पीरिट के तहत कोरोना के चलते मिली एक साल की हार को भूल कर फिर मैदान संभालने का लक्ष्य लेकर तैयारी जारी रखें।
Published on:
22 Dec 2020 10:04 pm
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