
नई दिल्ली।तेलंगाना में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयपाल रेड्डी ( Senior Congress leader Jaipal Reddy ) का निधन हो गया है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जयपाल रेड्डी बुखार और निमोनिया से पीड़ित थे, जिसके चलते उनको हैदराबाद के AIG हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कांग्रेस नेता के निधन पर दुख जताया है।
शनिवार को अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उनको बचाया न जा सका। जयपाल ने हॉस्पिटल में ही रात 2.30 बजे आखिरी सांस ली। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि उनका अंतिम संस्कार यहां सोमवार को किया जाएगा। उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए पार्टी मुख्यालय राजभवन में रखा जाएगा।
उनका अंतिम संस्कार हुसैन सागर के निकट पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंहा राव की समाधि पीवी घाट के पास हो सकता है।
16 जनवरी 1942 को हैदराबाद के मदगुल में जन्मे जयपाल रेड्डी ( Senior Congress leader Jaipal Reddy ) की पहचान तेलगू राजनीति के दिग्गज नेता के रूप में थी। आंध्र प्रदेश के बंटवारे के बाद मदगुल अब तेलंगाना राज्य का हिस्सा हो गया है। उन्होंने 1980 में मेडक लोकसभा सीट पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा, हालांकि वे हार गए।
जयपाल रेड्डी अविभाजित आंध्र प्रदेश में 4 बार विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं। जबकि उनको 5 बार लोकसभा का सदस्य भी चुना गया। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने रेड्डी के निधन पर शोक जताया है। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) प्रमुख ने उनके परिजनों को सांत्वना देते हुए अपने संदेश में मंत्री पद पर रहते हुए रेड्डी के कामों को याद किया। उन्होंने कहा रेड्डी एक अच्छे सांसद थे।
1998 की इंद्र कुमार गुजराल की सरकार में उनको सूचना और प्रसारण मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद 2009 के आम चुनाव में जयपाल रेड्डी ( Senior Congress leader Jaipal Reddy ) वेल्ला लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर सांसद चुने गए थे।
यही नहीं 15वीं लोकसभा में उनको साइंस और टेक्नोलॉजी और अर्थ साइंस जैसे अहम विभागों की जिम्मेदारी भी मिली थी।
कांग्रेस नीत सप्रंग-1 में उनके ( Senior Congress leader Jaipal Reddy ) पास शहरी विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी रही। जबकि सप्रंग-2 में उन्होंने शहरी विकास मंत्रालय और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली। आपातकाल के दौरान उन्होंने 1977 में वह कांग्रेस से अलग होकर इंदिरा गांधी के खिलाफ आंदोलन में शामिल हो गए थे।
Updated on:
28 Jul 2019 06:59 pm
Published on:
28 Jul 2019 08:26 am
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