
नई दिल्ली। कर्नाटक चुनाव में जहां अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रचार-प्रसार में जुटे हैं वहीं दूसरी तरफ उनके लिए एक बुरी खबर आई है। दरअसल आरएसएस मानहानि मामले में कोर्ट ने राहुल को 12 जून को अदालत में पेश होने के आदेश दिए हैं। बुधवार को महाराष्ट्र की भिवंडी कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को 12 जून को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं। बता दें कि कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए राहुल के पक्ष को सुनने के बाद यह आदेश दिया है। भिवंडी के न्यायिक मजिस्ट्रेट एए शेख ने कहा कि मामले में आरोप तय करने से पहले राहुल का बयान दर्ज करवाना आवश्यक है। हालांकि बुधवार को भी राहुल कोर्ट में पेश नहीं हुए।
राहुल का बयान दर्ज करवाना जरुरी: कोर्ट
गौरतलब है कि मानहानि मामले में बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट में राहुल गांधी के वकील नारायण अय्यर ने अदालत से कहा कि उनके मुवक्किल राजनीतिक व्यवस्तताओं के कारण अदालत में पेश नहीं हो पाए हैं। हालांकि कोर्ट ने राहुल को कुछ और वक्त देते हुए इस मामले को कुछ समय के लिए टाल दिया और 12 जून तक कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं और कोर्ट ने कहा कि संघ कार्यकर्ता द्वारा दायर किए गए मुकदमें में राहुल गांधी का बयान दर्ज करवाना आवश्यक हैं।
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि 2014 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के राजेश कॉंटे नाम के एक कार्यकर्ता ने महाराष्ट्र के ठाने में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। राहुल पर आरोप था कि उन्होंने भिवंडी में एक सभा को संबोधित करते हुए संघ पर आरोप लगाया था कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्या के पीछे आरएसएस का हाथ है। राजेश ने मानहानि का मुकदमा दर्ज कराते हुए कहा था कि राहुल गांधी ने भिवंडी के नजदीक 6 मार्च 2014 को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए आरएसएस पर आरोप लगाया था कि महात्मा गांधी के हत्या एक आरएसएस कार्यकर्ता ने की है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के इस आरोप से संघ की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है।
Published on:
03 May 2018 03:30 pm
बड़ी खबरें
View Allराजनीति
ट्रेंडिंग
