scriptTripura : सीएम से नाराज विधायकों ने दिल्ली में डाला डेरा, टॉप नेतृत्व से बिप्लब देब को हटाने की मांग | Tripura: MLAs angry with CM camped in Delhi, demand to remove Biplab Deb from top leadership | Patrika News

Tripura : सीएम से नाराज विधायकों ने दिल्ली में डाला डेरा, टॉप नेतृत्व से बिप्लब देब को हटाने की मांग

locationनई दिल्लीPublished: Oct 12, 2020 08:16:17 am

Submitted by:

Dhirendra

असंतुष्ट विधायकों का नेतृत्व स्वास्थ्य मंत्री सुदीप रॉय बर्मन कर रहे हैं।
नाराज विधायकों ने सीएम पर लगाया पार्टी की छवि खराब करने का आरोप।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पीएम मोदी और अमित शाह से मिलने का समय मांगा।

Biplab Deb

असंतुष्ट विधायकों का नेतृत्व स्वास्थ्य मंत्री सुदीप रॉय बर्मन कर रहे हैं।

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी शासित प्रदेश त्रिपुरा ( Tripura ) में सीएम बिप्लब देब को पद से हटाने की मांग तेज हो गई है। इस घटना को पार्टी के विधायकों का बिप्लब देब ( Biplab Deb ) के खिलाफ बगावत माना जा रहा है। असंतुष्ट विधायकों का नेतृत्व प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सुदीप रॉय बर्मन कर रहे हैं।
सीएम से नाराज विधायक रविवार को दिल्ली पहुंच गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री सुदीप रॉय बर्मन के नेतृत्व में एक दर्जन विधायक बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और महासचिव बीएल संतोष से मुलाकात का समय मांगा है। बागी गुट में शामिल एक विधायक ने कहा कि उनका गुट गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने का समय मांगा है।
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सीएम पर पार्टी की छवि खराब करने का आरोप

मुख्यमंत्री बिप्लब देब से नाराज त्रिपुरा के विधायकों का दावा है कि बिप्लब देव के हल्के बयानों से पार्टी की छवि खराब हुई है। साथ ही बिप्लब देब पर प्रदेश को कमजोर नेतृत्व देने और कुशासन का आरोप लगाया है।
हम पार्टी के साथ हैं

फिलहाल ये विधाक नई दिल्ली के त्रिपुरा भवन में ठहरे हैं। विधायक ने कहा कि हम मुख्यमंत्री के रवैये की जानकारी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को देना चाहते हैं। बागी विधायकों का कहना है कि सभी विधायक पार्टी के साथ हैं और चाहते हैं कि दूसरी बार भी राज्य में बीजेपी की सरकार बने। लेकिन बिप्लब देब सीएम बने रहे तो इससे कांग्रेस और वाम दलों को ही मजबूती मिलेगी।
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कोरोना को नियंत्रित न कर पाने का आरोप

नाराज विधायकों का कहना है कि त्रिपुरा में कोरोना पर काबू पाने के इंतजाम बेहद खराब हैं। केंद्र की एक टीम को त्रिपुरा भेजना पड़ा। महामारी के दौर में भी राज्य में कोई अलग स्वास्थ्य मंत्री नहीं हैं। अनुभवी आईएएस और आईपीएस डेपुटेशन या वीआरएस लेकर राज्य छोड़ रहे हैं। सीएम ने
नाराज विधायकों में ज्यादातर कांग्रेस से आए लोग

दूसरी तरफ मुख्यमंत्री बिप्लब देब के एक करीबी विधायक ने बताया कि बगावत उतनी नहीं है, जितना बताया जा रहा है। 7 से 8 विधायक हैं जो राज्य में सरकार के साफ-सुथरे कामकाज में गड़बड़ी पैदा करना चाहते हैं। इनमें से ज्यादातर कांग्रेस से आए लोग हैं। पार्टी के पुराने सहयोगियों का सीएम के नेतृत्व में भरोसा बना हुआ है।
2018 में बीजेपी को पहली बार मिला सरकार बनाने का मौका

बता दें कि त्रिपुरा में बीजेपी और सहयोगी आईपीएफटी ने 2018 में त्रिपुरा चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। बीजेपी ने राज्य से 25 साल पुराने वाम शासन को उखाड़ फेंका था। 60 सदस्यों वाली विधानसभा में बीजेपी के 36 और आईपीएफटी के 8 विधायक हैं।
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