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UAPA संशोधन बिल लोकसभा में पास, अमित शाह बोले- अर्बन नक्सल बर्दाश्त नहीं

आतंक पर लगाम लगाने के लिए UAPA Amendment Bill पास Lok Sabha में बिल पर चर्चा के दौरान तीखी हुई बहस Amit Shah बोले- कांग्रेस सरकार में पहली बार आया था बिल

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Amit Shah

नई दिल्ली। लोकसभा में विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण संशोधन बिल 2019 ( UAPA ) पास हो गया है। विपक्षी सांसदों ने Unlawful Activities (Prevention) Amendment Act Bill पर वोटिंग की मांग की थी। इसके बाद स्पीकर के निर्देश पर सदन में सभी सांसदों ने अपने स्थान पर खड़े होकर वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा लिया।

विपक्ष ने किया वॉक आउट

UAPA संशोधन बिल के पक्ष में 287 जबकि विपक्ष में सिर्फ 8 वोट पड़े। इससे पहले बिल पर सदन में हुई जोरदार बहस हुई। विपक्ष बिल को स्टैंडिंग कमेटी को भेजे जाने की मांग कर रहा था, सरकार की ओर से मना करने के बाद ओवैसी समेत कांग्रेस सांसदों ने लोकसभा से वॉक आउट कर लिया।

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'आतंक के खिलाफ सभी को आना होगा साथ'

गृहमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ सभी को एक साथ लड़ना चाहिए। कानून के दुरुपयोग होने के सवाल पर शाह ने कहा कि UAPA के तहत किसी व्यक्ति विशेष को कब आतंकवादी घोषित किया जाएगा इसके लिए भी प्रावधान है।

अर्बन नक्सल से सहानुभूति नहीं: शाह

एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले के सवाल पर जवाब देते हुए अमित शाह ने विपक्ष पर तीखा हमला किया। देश में सामाजिक कार्यकर्ताओं की बड़ी आबादी है। ये लोग वैचारिक आंदोलन के नाम पर अर्बन नक्सलिजम को बढ़ा रहे हैं। लेकिन हमारी सरकार और हमारे दिल में अर्बन नक्सलियों के लिए कोई संवेदना नहीं ।

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1967 में आया था पहली बार बिल: शाह

UAPA पर चर्चा के दौरान गृहमंत्री Amit Shah ने कहा कि आतंकवाद के अंत के लिए बेहद सख्त कानून की जरूरत है। कांग्रेस आतंक के खिलाफ लाए जा रहे इस संशोधित बिल का कांग्रेस बेशक आज विरोध कर रही है, लेकिन यह कानून 1967 में कांग्रेस इंदिरा जी की सरकार में लाया गया था।

'कठोर कानून से ही खत्म होगा आतंकवाद'

अमित शाह ने कहा कि हम चाहते हैं कि ये बिल सभी की सहमति से पारित हो। कांग्रेस की ओर से मनीष तिवारी ने कहा कि कठोर कानून से आतंकवाद नहीं रुकता है। इसपर शाह ने कहा कि मैं इसके खिलाफ हूं। सदन को बता दूं कि जो कानून कांग्रेस सरकार के समय आया था हम उसमें छोटा सा संशोधन कर रहे हैं।

शाह ने बताया- कौन होता है आतंकी

शाह ने बताया कि कोई शख्स अगर आंतकवादी गतिविधियों में शामिल होता है, लोगों को आतंक के राह पर चलने के लिए उकसाता है, आतंकी घटनाओं को अंजाम देता है या उसमें भाग लेता है तो उसे आतंकवादी घोषित किया जाएगा। आतंकवाद बंदूक से पैदा नहीं होता। आतंकवाद उन्माद फैलाने वाले प्रचार से भी पैदा होता है।