मराठा उम्मीदवारों को मिलेगा लाभ
शीर्ष कोर्ट द्वारा मराठा आरक्षण को रद्द किए जाने के बाद उद्धव सरकार ने मराठा समुदाय के लोगों को राहत दी है। महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय के आर्थिक रूप से कमजोर (EWS) वर्ग के छात्रों और अभ्यर्थियों को 10 प्रतिशत का आरक्षण देने का फैसला किया है। इससे मराठा उम्मीदवारों को सीधी सेवा भर्ती में 10 प्रतिशत EWC आरक्षण का लाभ मिलेगा।
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जरूरत पड़ी तो खटखटाएंगे दिल्ली का दरवाजा
वहीं, महाराष्ट्र की सत्ताधारी पार्टी शिवसेना ने सोमवार को अपने मुखपत्र सामना में लिखा कि मराठा रिजर्वेशन की लड़ाई दिल्ली में लड़ी जाएगी। सामना के संपादकीय में कहा गया है कि मराठा आरक्षण को लेकर उनको दिल्ली का दरवाजा भी खटखटाना पड़े तो वह ऐसा भी करने के लिए तैयार है। इसके साथ ही उन्होंने आगे लिखा है कि यह टकराव निर्णायक साबित होने वाला है। विपक्ष आरोप लगाते हुए कहा कि वह इस मुद्दे से प्रदेश में अस्थिरता पैदा कर सकता है।
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सुप्रीम कोर्ट ने किया था खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने 5 मई महाराष्ट्र सरकार के मराठा आरक्षण के फैसले को रद्द कर दिया था। इस पर शीर्ष कोर्ट ने कहा था कि मराठा आरक्षण के कारण 50 फीसदी तय सीमा का उल्लंघन होगा। 5 जजों की बेंच ने इस पर निर्णय लेते हुए कहा था कि मराठा समुदाय को आरक्षण के दायरे में लाने के लिए शैक्षणिक और सामाजिक तौर पर इस समुदाय को पिछड़ा घोषित नहीं किया जा सकता।
क्या होता है EWS आरक्षण
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने साल 2019 में ईडब्ल्यूएस वर्ग के लोगों को शिक्षा और नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया था। 8 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले व्यक्ति ईडब्ल्यूएस के तहत शिक्षा और नौकरी में आरक्षण प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही आरक्षण के लिए पात्र व्यक्ति का पारिवारिक खेती की जमीन पांच एकड़ से अधिक नहीं होना चाहिए। ऐसे लोग ईडब्ल्यूएस वर्ग में आते है।