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Video: उपचुनावों के नतीजों से भाजपा की उल्टी गिनती शुरू- अशोक गहलोत

राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने पत्रिका से कहा

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Ashok Gehlot after Congress win in Rajasthan

Ex CM, Ashok Gahlot

नई दिल्ली। राजस्थान में दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा को कड़ी शिकस्त का सामना करना पड़ा। अलवर और अजमेर लोकसभा और मांडलगढ़ में कांग्रेस की जीत हुई। यह चुनाव दोनों पार्टियों के लिए नाक का सवाल था। दोनों पार्टियों ने जोर शोर से चुनाव लड़ा। लेकिन जनता ने जीत का ताज कांग्रेस सिर रखा। इस पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पत्रिका संवाददाता मनोहर विश्नोई की बातचीत :-

सवाल- गुजरात चुनावों में कड़ी टक्कर के बाद राजस्थान में तीनों सीटों पर कांग्रेस की जीत को आप कैसे देखते हैं?

जवाब- इन नतीजों से केंद्र और राजस्थान सरकार की उल्टी गिनती शुरु हो चुकी है। भाजपा की नीतियों और विकास के खोखले दावों की पोल गुजरात चुनावों से ही खुलनी शुरू हो गई थी। जनता ने मानस बना लिया है कि जुमले बाजी से काम नहीं चलने वाला। झूठे वादों से जनता को गुमराह नहीं किया जा सकता। किसानों को इतना दु:खी मैंने कभी नहीं देखा। जीएसटी और नोटबंदी से लोगों की नौकरियां जा रही हैं। मजदूर दुखी हैं। ये नतीजे भविष्य का बड़ा संकेत हैं।


सवाल-इन चुनावों के प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर क्या मायने हैं ?

जवाब- लोकसभा चुनावों के नतीजे मोदी सरकार की नीति और विकास के खोखले दावों की धज्जियां उड़ा दी। कांग्रेस ने सरकार से युवाओं के रोजगार , किसानों के हितों के बारे सवाल पूछे लेकिन किसी ने जावब नहीं दिया। कांग्रेस ने जनता का दिल जीता है।


सवाल- क्या प्रदेश में युवाओं ने अपना मन बदला है?

जवाब- राजस्थान में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भारी बहुमत मिला था पर चार साल से जनता को उन्होंने इग्नोर किया। योजनाएं ठप कर दी। यही निराशा का कारण बनी और वसुंधरा सरकार को जनता ने एक बड़ा झटका दिया।


सवाल- इसे आप किसकी जीत मानते हैं?


जवाब- महासचिव अविनाश पांडे का होम वर्क और कार्यकर्ताओं की फौज के साथ चुनाव में उतरी थी। पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट , जितेन्द्र सिंह सहित सभी कांग्रेसी एकजुट दिखे। सभी की मेहनत से जनता के आक्रोश को कांग्रेस के लिए वोट में कन्वर्ट करवा पाए।


सवाल- कांग्रेस में आपसी मतभेद काफी था। आप इस जीत का श्रेय किसे देना चाहेंगे ?

जवाब- गुजरात में राहुल जी ने जो एजेंडा सेट किया था, उसका कोई जवाब नहीं मिला तो जनता समझ गई थी। उसका नतीजा है यह। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की जीत है।