
Ahmed Atiq
Atiq Ahmad: अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के आतंक का अंत हो चुका है लेकिन आज हम आपको अतीक अहमद का लव एट फर्स्ट साइट बताएंगे। उस चीज के बारे में बताएंगे जिसे किसी भी कीमत पर हासिल करने का झूनून अतीक में था अतीक उसे पाने के लिए आमादा हो जाता था।
इसके लिए वो साम दाम दंड भेद हर तरह का छल करता था। यहीं पर अतीक अहमद का असली दिमाग और पैसे के लिए उसकी भूख दिखती है। एक तांगे वाले का बेटा हजारों करोड़ की संपत्ति का मालिक कैसे बना और केसे इसके लिए उसने अपनी उम्र से ज्यादा दुश्मन तैयार कर लिए थे ये पूरा चक्र बहुत खूंखार है।
अतीक का लव एट फर्स्ट साइड
आपको बता दें कि अतीक अहमद जमीन के लिए दीवाना था। जो जमीन उसे पसंद आ गई वो उसकी हो गई। जिस पल से अतीक किसी संपत्ति के पीछे पड़ गया उसी समय वो अपनों से बेगानी हो जाती थी। अतीक का लैंड ग्रैबिंग सेंडीकेट एक कॉर्पोरेट की तरह रन करता था।
इंडिया टीवी की छपी रिपोर्ट में बताया गया है कि आतीक के पास जासूस, मुखबिर, पुलिस, अधिकारी और मंत्री थे। वहीं, कुछ लोग कहते हैं कि मुख्यमंत्री भी थे। अतीक संपत्ति के कब्जे में कोई हिन्दू मुसलमान नहीं करता था। उसका नारा था ‘मिलो या मिटो’। अतीक के लव एट फर्स्ट साइट की कहानी पढ़िए जिसमें साइट का मतलब है कोई घर, जमीन या धंधा।
अतीक के अवैध कब्जे
1. प्रयागराज में सोनिया गांधी के रिश्तेदार की जमीन पर कब्जा।
2. लखनऊ में प्रसिद्ध कपड़ा व्यापारी की जमीन पर कब्जा।
3. अपनी पत्नी के रिश्तेदारों पर बिजनेस का दबाव डालना।
4. अतीक ने अपने बिजनेस पार्टनर के पूरे बिजनेस को हड़प लिया।
5. विवादित जमीन पर सांसद औ विधायक रहते हुए कब्जा किया।
6. समाजवादी पार्टी के विधायक की जमीन पर कब्जा।
7. प्रयागराज के होटल और पिक्चर हॉल पर कब्जा।
8. यूपी की पहली महिला CM के PA के घर पर कब्जा।
9. बड़े किराए के मकानों पर कमीशन लेता था।
10. दिल्ली के साउथ एक्स में विवादित घर पर कब्जा।
11. संसद के बैंक में जमीन कब्जे का अवैध धन डिपॉजिट।
अतीक की जमीन में कितने नेता, अधिकारी छिपे हैं?
प्रयागराज रेलवे स्टेशन के आगे वाले इलाके में कभी अतीक का जुर्म बोलता था। इसी रेलवे स्टेशन के पास एक लाश मिली। पूरे शरीर पर जगह जगह नुकीले हथियार के गहरे निशान थे। जैसे किसी ने बार-बार जगह जगह वार किए हों। लाश और उसके निशान में अतीक की हॉरर स्टोरी छिपी है। जो नैनी जेल के सुप्रीटेंडेंट ने सुनाई। अतीक जब उनकी जेल में बंद था तो उसने उन्हें खुद बताया था।
अतीक अपने बनाए कानून पर करता था भरोसा
अतीक फितरत से अपराधी था। वो सोच समझ कर गुनाह करता था। उसके गुनाह में कमाई और मैसेज दोनों होता था। वो सिस्टम को अपने हिसाब से चलाना चाहता था और उसे अपने नेटवर्क पर इतना विश्वास था कि वो सिस्टम को कानून को अपने आगे कुछ नहीं समझता था।
बड़े-बड़े काबिल निडर और जांबाज अधिकारियों को भी अतीक के क्राइम सिंडिकेट के सामने संभल कर चलना पड़ता था ये बात उत्तरप्रदेश और डेयर डेविल आईपीएस राजेश पांडे की एक बात से पता चली जो अतीक के लखनऊ में किए गए गुनाह से जुड़ी है।
जमीन पर खुद कब्जा करने पहुंच जाता था अतीक
लखनऊ के प्रसिद्ध संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल शोध संस्थान के पास ही वो जमीन है जिस पर अतीक कब्जा करने खुद पहुंच गया था। उस वक्त वो पूर्व विधायक और सांसद था। हालांकि 2012 का विधानसभा चुनाव अपनी परंपरागत इलाहाबाद पश्चिमी की सीट पर पूजा पाल से हार गया था।
प्रदेश के तेजतर्रार और ईमानदार आईपीएस अधिकारी अखिलेश मेहरोत्रा ने इलाहाबाद में अतीक के कब्जा गिरोह की एक दहलाने वाली कहानी बताई है। उन्होंने कहा, “राजनीति की असफलता को गुनाह के खौफ से ढ़कने के लिए अतीक हताश अपराधी की तरह व्यव्हार करने लगा था। वो किसी संवैधानिक पद पर नहीं था इसलिए उसका लिहाज भी खत्म हो चुका था।”
सोनिया गांधी के रिश्तेदार की भी हड़पी थी जमीन
इलाहाबाद के सबसे पॉश इलाके की एक जमीन पर भी अतीक ने कब्जा कर लिया था। तब केन्द्र में कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए की सरकार थी। जिस जमीन पर अतीक ने कब्जा किया था वो सोनिया गांधी के रिश्तेदारों की थी। केन्द्र सरकार का दबाव हुआ तो जमीन छोड़ी थी।
इसके अलावा भी पूरे सिविल लाइन्स पर अतीक ने कई जगह कब्जा किया था। नब्बे के दशक में इसी सिविल लाइन्स में अतीक अहमद बैठकी करता था और राजूपाल ने विधायक बनने के बाद यहीं एक चाय की दुकान में अतीक को धमकी दी थी जिसके बाद 2005 में उनकी हत्या कर दी गई। आरोप अतीक और उनके भाई अशरफ पर था।
CM बनते ही योगी ने माफियाओं के खिलाफ चलाया अभियान
अतीक अहमद ने सरकारी ठेके और जमीन ज्यायदाद के अवैध कारोबार को पूरी तरह से अपनी कब्जे में कर लिया था। उसका अपना सिस्टम था। नैनी जेल के पूर्व अधीक्षक कैप्टन एस के पांडे बताते हैं कि जमीन और संपत्ति के अवैध कारोबार में उसने इतना स्पेशलाइज कर लिय था कि इलाके में किराए पर मकान उठाने से पहले भी अतीक को जानकारी देनी होती थी या फिर उसे जानकारी रहती थी।
यूपी में जब योगी मुख्यमंत्री बने तो माफिया के खिलाफ अभियान चला। बेनामी संपत्ति तोड़ी गई और अवैध कब्जे हटाए गए। बुलडोजर इतना सक्सेस सिंबल बना कि यूपी में योगी की दोबारा जीत का सिंबल बन गया। आज पूरे देश में बुलडोजर एडमिनिस्ट्रेशन की मांग और चर्चा है लेकिन अतीक अपने अवैध कब्जे के कारोबार को चलाने के लिए भी बुलडोजर का सहारा लेता था।
अतीक के इशारे पर काम करते थे मंत्री और अधिकारी
अतीक ने कब्जे का पूरा व्यवस्थित सिस्टम बना रखा था। मंत्री, अधिकारी तक उसके इशारे पर काम करते थे। उसने हर जगह पर अपने लोगों को सेट किया था। पैसे की कमाई में उसका सबसे बड़ा रिश्तेदार वही था जो उसे कमा कर दे। अतीक ने सांसद रहते हुए अपनी ही पार्टी के एक नेता की जमीन पर कब्जा कर लिया और ऐसा फ्रॉड किया जिसमें सांसद के नाते मिलने वाली बैंक सुविधा का भी गुनाह की रकम को पार्क के करने के लिए इस्तेमाल किया गया।
Published on:
23 Apr 2023 11:02 am
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