
अखिलेश यादव मंच से अतीक का नाम लेने से बचते रहे।
2012 में सपा की सरकार की बनी और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने। इसके बाद सपा अपने ऊपर लगे माफिया प्रेमी का दाम मिटाने में जुट गए। अखिलेश यादव प्रदेश के माफिया और अपराधियों से दूरी बना रहे थे। माफिया मुख्तार और उसके परिवार से दूरी बनाने के साथ उन्होंने अब अतीक अहमद से भी किनारा करने का मन बना लिया था।
अखिलेश अपने विरोधी पार्टियों और जनता के बीच यह संदेश देना चाहते थे कि सपा अब नई पार्टी है। उनके पार्टी में माफिया और अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है। वह युवाओं और प्रदेश के विकास के लिए काम कर रहे हैं।
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मंच से अतीक का नाम लेते से बचते रहे अखिलेश
साल 2014 लोकसभा चुनाव की तैयारियां चल रही थी। इसी सिलसिले में प्रयागराज के नैनी में एक जनसभा आयोजित की थी। मंच पर अखिलेश यादव ने अतीक के साथ कुछ ऐसा व्यवहार किया। जिससे अतीक असहज हो गए। अतीक ने दो बार अखिलेश के कान में कुछ कहने और हाथ पकड़ने की कोशिश की, लेकिन अखिलेश ने उसका हाथ झटक दिया।
अखिलेश यादव अपने भाषण के दौरान भी अतीक का नाम लेने से बचते रहे। इस सभा के बार राजनीतिक गलियारे में सपा और अतीक के बीच दूरियां बढ़ती गईं। अतीक के लिए सपा के दरवाजे भी हमेशा के लिए बंद हो गए।
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बता दें कि माफिया अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस कस्टडी में शनिवार की रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस दोनों को मेडिकल चेकअप के लिए लेकर जा रही थी। इसी बीच कॉल्विन अस्पताल के बाहर मीडियाकर्मी के रुप में तीन हमलावरों ने अतीक और अशरफ पर गोलियां चला दी। जिससे दोनों की मौके पर मौत हो गई।
Updated on:
19 Apr 2023 10:57 am
Published on:
19 Apr 2023 10:53 am
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