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प्रयागराज (Advocate Missing Case) : वकील जय शंकर उपाध्याय पिछले 3 साल से लापता हैं उनके भाई अभयकांत उपाध्याय ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में हैबियस कार्पस की याचिका दाखिल की थी। याचिका की सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सलील कुमार राय और न्यायमूर्ति जफीर अहमद की खंडपीठ ने प्रयागराज पुलिस को यह आदेश दिया है कि वकील शंकर उपाध्याय को 1 माह में खोजकर लाया जाए।
अदालत ने कहा, 'तीन साल बीत चुके हैं लेकिन कॉर्पस अब तक नहीं मिला है।' बता दें कि 2022 में मामला दर्ज होने के बावजूद अब तक वकील का कोई पता नहीं चल सका है। वकील के भाई अभयकांत ने मांग की है कि उनके भाई का पता लगाया जाए और उसे अदालत में पेश किया जाए। इसी कारण से न्यायमूर्ति पीठ ने अब प्रयागराज पुलिस को सिर्फ 1 महीने में खोजकर लाने का आदेश दिया है।
याची अभयकांत उपाध्याय ने प्रयागराज पुलिस पर आरोप लगाया है कि पुलिस जांच के बहाने उसे परेशान करती है। इस पर अदालत ने स्पष्ट किया है कि पुलिस स्वतंत्र रूप से पूछताछ और जांच कर सकती है। पुलिस ने कोर्ट से नार्को टेस्ट की अनुमति मांगी थी लेकिन अदालत ने इसकी अनुमति नहीं दी। अदालत ने थर्ड डिग्री तरीकों के इस्तेमाल को सख्ती से वर्जित किया है।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 27 अक्टूबर को तय की है और उस दिन अतिरिक्त महाधिवक्ता को जांच की प्रगति की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। साथ ही अदालत ने DCP (क्राइम), ADCP (क्राइम) और ACP (क्राइम), प्रयागराज, को भी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का आदेश दिया है। क्योंकि इन्हीं के नेतृत्व में जांच दल काम कर रहा है। अब देखना यह होगा कि पुलिस इतने कम समय में वकील को ढूंढ पाती है या नहीं।
राज्य की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता M.C. चतुर्वेदी, AGA पारितोष मालवीय और ऋषि चड्ढा ने अदालत को बताया कि ACP(क्राइम) के नेतृत्व में विशेष जांच दल (SIT) मामले की जांच कर रहा है।उन्होंने यह भी कहा कि संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। वकील जय शंकर उपाध्याय, जो प्रयागराज के धूमनगंज थाने के अंतर्गत पोंघाट का पुल इलाके के निवासी थे, 3 सितंबर 2022 को लापता हो गए थे। पहले गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई थी, इसे बदलकर अब अपहरण की धारा में परिवर्तित कर दिया गया। मामले की जांच अब भी जारी है।
Published on:
13 Sept 2025 07:15 pm
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