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इलाहाबाद हाईकोर्ट: एक ही मांग में दो याचिका दायर करना पड़ा भारी, पूछा क्यों न हो अवमानना कार्यवाही

याची का कहना था कि भवन संख्या 396खंडहर है।जिसके पुनर्निर्माण की अनुमति नहीं दी जा रही है।समादेश जारी करने की मांग की गई है। सरकारी वकील का कहना है कि ऐसी ही याचिका पहले ही दायर की गई है जो विचाराधीन है। हलफनामा दोनों में एक ही व्यक्ति का है।जो याची का पुत्र है। याची अधिवक्ता ने कहा कि उसे नहीं बताया गया कि एक याचिका पहले ही इसी मांग में दाखिल है।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट: एक ही मांग में दो याचिका दायर करना पड़ा भारी, पूछा क्यों न हो अवमानना कार्यवाही

इलाहाबाद हाईकोर्ट: एक ही मांग में दो याचिका दायर करना पड़ा भारी, पूछा क्यों न हो अवमानना कार्यवाही

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक याचिका में राहत न मिलने पर उसी मांग में दूसरी याचिका दायर करने वाले हमीरपुर,राठ ,के सिकंदरपुर के निवासी सुरेंद्र प्रताप सिंह गौर को कारण बताओ नोटिस जारी की है। कोर्ट ने पूछा है कि क्यों न झूठा हलफनामा दाखिल कर न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप करने के लिए उनपर अवमानना कार्यवाही की जाए। कोर्ट ने सी जेएम एटा से नोटिस तामील कर रिपोर्ट मांगी है। याचिका की सुनवाई 4 अगस्त को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति एम के गुप्ता तथा न्यायमूर्ति डा वाई के श्रीवास्तव की खंडपीठ ने प्रमोद सिंह गौर की याचिका पर दिया है।

याची का कहना था कि भवन संख्या 396खंडहर है।जिसके पुनर्निर्माण की अनुमति नहीं दी जा रही है।समादेश जारी करने की मांग की गई है। सरकारी वकील का कहना है कि ऐसी ही याचिका पहले ही दायर की गई है जो विचाराधीन है। हलफनामा दोनों में एक ही व्यक्ति का है।जो याची का पुत्र है। याची अधिवक्ता ने कहा कि उसे नहीं बताया गया कि एक याचिका पहले ही इसी मांग में दाखिल है।

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कोर्ट ने कहा कि याचिका के हलफनामे में कहा गया है कि यह पहली याचिका है। इसी मांग में अन्य याचिका दाखिल नहीं की गई है। कोर्ट ने पहली याचिका मंगाई और देखा कि दोनो में एक जैसी ही प्रार्थना की गई है।जिस पर हलफनामा देने वाले को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

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