
इलाहाबाद हाई कोर्ट
प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को प्रयागराज के अस्पतालों नर्सिंग होमो व् क्लीनिकों के मेडिकल कचरे के निस्तारण की निगरानी कमेटी गठित
करने का निर्देश दिया है।साथ ही कचरे के निस्तारण का जिम्मा उठा रही दो कम्पनियो फैरो बिल्ड हार्ड इंडिया प्रा लि व् संगम मेडीसर्व प्रा लि जैतापुर हंडिया को नोटिस जारी पर प्रत्येक महीने कोर्ट में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को स्वयं अस्पतालों का निरीक्षण कर वैधानिक कार्यवाई करने तथा ऑपरेटर कम्पनियो के जरिये कचरे के निस्तारण व्यवस्था को प्रभावी बनाने की निगरानी करने का आदेश दिया है।याचिका की सुनवाई 1 नवम्बर को होगी।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की खण्डपीठ ने विधि छात्र वैशाली सिंह व् 11 अन्य की जनहित याचिका पर दिया है।
याचिका पर आशीष मिश्र ,बोर्ड के अधिवक्ता डॉ एच एन त्रिपाठी भारत सरकार के अधिवक्ता राजेश त्रिपाठी व् राज्य सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता प्रथम जे एन मौर्या ने पक्ष रखा।
याचिका में मेडिकल कचरे के निस्तारण की समुचित व्यवस्था न होने से जानलेवा बीमारी का अंदेशा व्यक्त किया गया है।और प्रभावी निस्तारण व्यवस्था की मांग की गयी है।सरकार ने हलफनामा दिया ।और बताया कि निगरानी प्राधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड है।सॉलिड बेस्ट मैनेजमेंट रूल्स के तहत 28 सदस्यीय निगरानी कमेटी बनी है।जिसमे विभिन्न विभागों के अधिकारी सदस्य है।।कोर्ट ने कहा यह नही बताया गया है कि कचरे का निस्तारण किस तरह से कैसे किया जा रहा है।कचरे की छंटनी,पैकिंग,परिवहन,व् स्टोरेज की क्या व्यवस्था की गयी है।दोनों ऑपरेटर कम्पनिया किस तरह से काम कर रही है ,नही बताया गया है ।हलफनामे में यह जानकारी दी गयी कि प्रयागराज में 55 सरकारी अस्पताल,414 नर्सिंग होम,1 ब्लड बैंक ,119 पैथालाजी,111 डेंटल क्लीनिक,115 क्लिनिक(आँख)50 पशु अस्पताल है।जिला पर्यावरण कमेटी निगरानी कर रही है।कोर्ट ने कहा बायो बेस्ट मैनेजमेंट रूल्स के तहत कमेटी गठित की जाय।और डिस्पोजल व्यवस्था की प्रभावी निगरानी की जाय।
Published on:
30 Sept 2019 08:37 am
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