कोर्ट ने कहा कि न्यायिक पुनर्विलोकन की कोर्ट की शक्ति सीमित है। जिसका इस्तेमाल अपराध का संज्ञान लेने के आदेश पर पुनर्विचार करने में नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने सी जे एम सहारनपुर व सत्र अदालत के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजवीर सिंह ने जगवीर की याचिका पर दिया है। मालूम हो कि दर्ज़ एफ आई आर की विवेचना कर पुलिस ने अपराध की विभिन्न धाराओं में चार्जशीट दाखिल की।जिसपर मजिस्ट्रेट ने संज्ञान लेते हुए सम्मन जारी किया।
प्रयागराज•Jun 10, 2022 / 04:18 pm•
Sumit Yadav
इलाहाबाद हाईकोर्ट: अपराध पर संज्ञान लेने के बाद मजिस्ट्रेट को पुनर्विचार का नहीं है अधिकार
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